Haj Subsidy: नरेंद्र मोदी सरकार ने मुसलमानों के सबसे बड़े तीर्थ हज के लिए सब्सिडी खत्म कर दिया है. भारतीय मुस्लिम अब मक्का और मदीना में इबादत के लिए सऊदी अरब जाना चाहते हैं तो उन्हें अपने खर्च पर जाना होगा. अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने फैसले का ऐलान करते हुए कहा कि हर साल 700 करोड़ रुपए हज सब्सिडी पर खर्च होता था. सुप्रीम कोर्ट ने 2012 में आदेश दिया था कि हज सब्सिडी को धीरे-धीरे करके 2022 तक पूरी तरह खत्म कर दिया जाए.
नई दिल्ली: नरेंद्र मोदी सरकार ने मुसलमान हज यात्रियों को मिलने वाली हसब्सिडी खत्म करने का एलान किया है. केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने हज सब्सिडी खत्म करने की वजह बताते हुए कहा कि हर साल सरकार के करीब 700 करोड़ रुपए भारतीय मुसलमानों को मक्का और मदीना भेजने पर सब्सिडी में खर्च होते थे. सुप्रीम कोर्ट ने 2012 में आदेश दिया था कि 2022 तक हज पर सब्सिडी को धीरे-धीरे करके पूरी तरह खत्म कर दिया जाए क्योंकि जो सऊदी अरब जाने का खर्च नहीं उठा सकते उनको वहां जाने की जरूरत नहीं है. भारत से करीब 1.35 लाख लोग हर साल हज करने के लिए सउदी अरब जाते हैं.
मुख्तार अब्बास नकवी ने सरकार के फैसले की घोषणा करते हुए बताया कि इस साल पहली बार 1300 महिलाएं अकेले हज करने के लिए सऊदी अरब जाएंगी. नकवी ने बताया कि पहली बार पौने दो लाख लोग हज करने के लिए बिना सब्सिडी के जाएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने साल 2012 में हज सब्सिडी को खत्म करने का आदेश दिया था. उस समय केंद्र में मनमोहन सिंह और कांग्रेस की अगुवाई वाली यूपीए सरकार थी जिसके खिलाफ भारतीय जनता पार्टी ने मुस्लिम तुष्टिकरण का हल्ला बोल दिया था. अक्टूबर 2017 में नकवी ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार सरकार हज सब्सिडी को धीरे-धीरे खत्म करेगी.
दूसरी तरफ सऊदी अरब ने भारत के हज कोटे में 5 हजार सीटों की बढ़ोतरी की है. अब भारत से 1,75,025 लोग हज पर जा पाएंगे जो अब तक भारत से हज करने मक्का या मदीना जाने वाले लोगों की सबसे अधिक संख्या है. नकवी ने हज कोटे में बढ़ोतरी का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिया जिनके प्रयास से अरब देशों से भारत के संबंध बेहतर हुए हैं और रिश्तों में मजबूती आई है.
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