Narendra Modi Elected Leader of NDA: नरेंद्र मोदी चुने गए NDA संसदीय दल के नेता, दिया नया नारा- सबका साथ सबका विकास और सबका विश्वास

Narendra Modi Elected Leader of NDA: नरेंद्र मोदी को एनडीए संसदीय दल का नेता चुन लिया गया है. दूसरी बार देश के प्रधानमंत्री बनने जा रहे मोदी ने अपने संबोधन में अल्पसंख्यकों को साथ लाने के लिए नया नारा दिया. मोदी ने कहा, सबका साथ सबका विकास और सबका विश्वास हमारा नया मंत्र है.

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Narendra Modi Elected Leader of NDA: नरेंद्र मोदी चुने गए NDA संसदीय दल के नेता, दिया नया नारा- सबका साथ सबका विकास और सबका विश्वास

Aanchal Pandey

  • May 25, 2019 7:41 pm Asia/KolkataIST, Updated 5 years ago

नई दिल्ली. लोकसभा चुनाव 2019 में बीजेपी की अगुवाई में एनडीए की प्रचंड बहुमत से जीत के बाद आज नरेंद्र मोदी को बीजेपी के संसदीय दल का नेता चुन लिया गया. संसद के सेंट्ल हॉल में पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने बीजेपी संसदीय दल के नेता के तौर पर नरेंद्र मोदी के नाम का प्रस्ताव रखा जिसे राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी सहित सभी बीजेपी के नेताओं ने समर्थन दिया. एनडीए के संसदीय दल के नेता के तौर पर शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष प्रकाश सिंह बादल ने नरेंद्र मोदी के नाम का प्रस्ताव रखा जिसका एनडीएके सभी दलों ने समर्थन किया. इस तरह नरेंद्र मोदी के आधिकारिक तौर पर दूसरी बार देश का प्रधानमंत्री बनने की राह साफ हो गई है.

मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत में एनडीए के सभी सहयोगी दलों का उन्हें संसदीय दल के नेता के तौर पर चुनने के लिए आभार जताया. मोदी ने कहा,”2019 के चुनाव एक असमान्य घटना है. हम नये भारत के अपने संकल्प को आगे बढ़ाने के लिए एक नई यात्रा को शुरू करने वाले हैं. देश की राजनीति में जो बदलाव आया है, आप सभी (सांसद) ने उसका समर्थन किया है. आप सभी उसके लिए अभिनंदन के अधिकारी है. जो पहली बार चुनकर आए हैं वो विशेष अभिनंदन के अधिकारी है. पूरे विश्व का ध्यान भारत के चुनाव पर था. इतने बड़े देश में कैसे चुनाव होता है, उसकी व्यवस्थाएं कैसे होती हैं यह विश्व के लिए बड़ा अजूबा है. चुनाव आयोग के सभी अधिकारी, सुरक्षाबलों ने मिलकर कठोर परिश्रम से इस चुनाव को सफल बनाया है. इस सदन से मैं सभी का धन्यवाद करता हूं. मोदी ने कहा इस देश में गांधी, लोहिया, दीनदयाल और अंबेडकर को मानने वाले लोग हर राजनीतिक दल में हैं. देश को आगे बढ़ाने का सेंट्रल आइडिया इन सभी महापुरुषों का एक ही था. पंक्ति में खड़े अंतिम व्यक्ति की चिंता. हम इसी कसौटी पर खुद को कसेंगे.”

मतदाता के नीर क्षीर विवेक के लिए कोई मानदंड नहीं
भारत में चुनाव अपने आप में उत्सव था, मतदान उससे बड़ा जश्न था लेकिन विजय के बाद का जश्न उससे भी शानदार था. न सिर्फ भारत में बल्कि दुनियाभर में फैले भारतीयों ने जिस तरह जश्न मनाया है मैं उन सभी का भी अभिनंदन करता हूं. प्रचंड जनादेश जिम्मेदारियों को बहुत बढ़ा देता है. जिम्मेदारियों को सहर्ष स्वीकार करने के लिए नई उर्जा, नए उमंग के साथ हमें आगे बढ़ना है. लेकिन भारत के लोकतंत्र को हमें समझना होगा. भारत के मतदाता के नीर क्षीर विवेक को शायद किसी मानदंड से मापा नहीं जा सकता. दिन प्रतिदिन भारत का लोकतंत्र इतना मेच्योर होता गया है कि सत्ता का अहंकार को भारत का मतदाता स्वीकार नहीं करता है. लेकिन सेवा भाव को वह सर झुकाकर स्वीकार कर लेता है. सत्ता के गलियारों में रहने के बावजूद सत्ता भाव से अलिप्त रहना और सेवा भाव से काम करने से जनता आपकी ताकत बढ़ाती जाती है.

रामकृष्ण परमहंस से लेकर विनोबा भावे तक
रामकृष्ण परमहंस ने कहा था की जीव में ही शिव है. इसलिए जनता की सेवा करने से बड़ा कोई धर्म नहीं हो सकता. मानव मात्र की सेवा ही हमारा अंतिम लक्ष्य होना चाहिए. मुझे संसदीय दल का नेता चुना गया है इसे मैं व्यवस्था का हिस्सा मानता हूं. मैं आपमें से एक हूं. हम कंधे से कंधा मिलाकर काम करेंगे. मैं आपके विश्वास पर जरूर खरा उतरेंगे. आचार्य विनोबा भावे कहते थे चुनाव बांट देता है, खाई पैदा करता है लेकिन 2019 के चुनाव ने दिलों का जोड़ने का काम किया है. 2019 का चुनाव सामाजिक एकता का आंदोलन था. समता और ममता का भाव इस चुनाव का मुख्य भाव रहा. देश की जनता ने एक नए युग की शुरुआत की है हम इसके साक्षी है. हम इसके सर्जक हैं हम ऐसा कोई दावा नहीं कर रहे.

पहली बार देश में प्रो इंकंबेंसी चुनाव
ये चुनाव प्रो कम्बेंसी था. हर बार सत्ता के खिलाफ गुस्सा चुनाव में अहम भूमिका निभाता है 2019 का चुनाव सकारात्मक चयन का चुनाव है. फिर से उसी सरकार को मौका देना, इतने बड़े जनादेश के साथ ये सकारात्मक तरीके से की गई वोटिंग है. सकारात्मक ताकत के इस मेंडेट को अगर हम सकारात्मक तरीके से आगे बढ़ा पाएं तो ये जनता की सबसे बड़ी सेवा होगी.

महिलाओं की भागीदारी बढ़ी
देश की संसद में आजादी के बाद सबसे अधिक संख्या में महिला सांसद चुनाव जीतकर संसद पहुंची हैं. महिलाओं ने वोटिंग के मामले में भी पुरुषों की बराबरी कर ली. जल्द ही वों पुरषों को पीछे भी छोड़ देंगी. नारी शक्ति का सम्मान लोकतंत्र का सम्मान है. हमें इस बात की बेहद खुशी है कि इतनी बड़ी संख्या में महिलाएं चुनकर संसद पहुंची हैं. 2014 में मुझसे एक पत्रकार ने पूछा था आपका मुकाबला किससे है. मैंने उसे जवाब दिया था मोदी का मुकाबला मोदी से ही है. आज मैं कह सकता हूं कि मोदी ने मोदी के रिकॉर्ड को तोड़ दिया. 2014 में बड़ी संख्या में महिला सांसद एनडीए की तरफ से चुनकर आईं थीं लेकिन 2019 नें वो रिकॉर्ड तोड़ दिया.

मोदी का नया ‘नारा’ NARA
मोदी ने नया नारा दिया. नेशनल एंबिशन, रीजनल एस्पीरेशन ये नया NARA है. हम एनडीए के जरिए इसी लक्ष्य को पाने की कोशिश करेंगे. एनडीए के पास दो चीजें हैं. एक है एनर्जी और दूसरी है सिनर्जी. सभी पार्टियों की अपनी विचारधारा है वो तो चलती रहेगी लेकिन भारत के उज्जवल भविष्य के लिए हमें मिलकर चलना होगा. .यहीं नये भारत की मांग है.

अल्पसंख्यकों को धोखे में रखा गया

देश के अल्पसंख्यकों के साथ छल की राजनीति की गई. उन्हें डराकर रखा गया. हमें इस छल का भी पर्दाफाश करना है. अच्छा होता कि देश का अल्पसंख्यक भी देश के साथ विकास की धारा में बाराबरी से चलता. लेकिन उन्हें अंधेरे में रखा गया. ये भय,डर के माहौल को हमें खत्म करना है. 1857 में देश की हर जाति, हर कौम ने कंधे से कंधा मिलाकर लड़ाई लड़ी थी. आज हमें साथ मिलकर गरीबी और पिछड़ेपन के खिलाफ कंधे से कंधा मिलाकर लड़ेंगे. हमें उनका विश्वास जीतना है. ये डर, भय और काल्पनिकता के माहौल में छेद करेंगे. पंथ के आधार पर जात के आधार पर कोई पीछे नहीं छूटे इस संकल्प को और मजबूती से पूरा करेंगे. अब हम अल्पसंख्यकों को उनको हैंडओवर कर के नहीं चलेंगे. हम चुप रहते हैं इसका वो फायदा उठाते हैं. हम अल्पसंख्यकों को अपने साथ लेकर चलेंगे. आज देश के हर तबके को साथ आकर नये भारत के निर्माण के आंदोलन में जुटना है.

बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने रखा प्रस्ताव
संसद के सेंट्ल हॉल में पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने बीजेपी संसदीय दल के नेता के तौर पर नरेंद्र मोदी के नाम का प्रस्ताव रखा जिसे राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी सहित सभी बीजेपी के नेताओं ने समर्थन दिया. एनडीए के संसदीय दल के नेता के तौर पर शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष प्रकाश सिंह बादल ने नरेंद्र मोदी के नाम का प्रस्ताव रखा जिसका एनडीएके सभी दलों ने समर्थन किया. इस तरह नरेंद्र मोदी के आधिकारिक तौर पर दूसरी बार देश का प्रधानमंत्री बनने की राह साफ हो गई है. पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने अपने संबोधन में कहा, ” नरेंद्र मोदी जब प्रधानमंत्री बने तब देश की जनता को इस बात का यकीन हुआ कि कोई कितने भी गरीब घर में पैदा हुआ हो अगर उसमें योग्यता है तो वह देर-सबेर देश का प्रधानमंत्री बन सकता है. 1971 के बाद यह पहली बार हुआ है कि देश में कोई सरकार दोबारा चुनकर आई है. मैं प्रधानमंत्री के तौर पर दूसरे कार्यकाल के लिए नरेंद्र भाई को बधाई भी देता हूं और शुभकामनाएं भी.”

मौजूद रहे एनडीए के दिग्गज

शिरोमणी अकाली दल प्रमुख प्रकाश सिंह बादल ने एनडीए संसदीय दल के नेता के तौर पर रखा नरेंद्र मोदी के नाम का प्रस्ताव. शिव सेना प्रमुख उद्धव ठाकरे और जेडीयू अध्यक्ष नीतीश कुमार ने किया प्रस्ताव का अनुमोदन

बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने दिया एनडीए के सभी दलों को धन्यवाद

एनडीए संसदीय दल के नेता चुने जाने के बाद मोदी ने पांव छूकर लालकृष्ण आडवाणी से लिया आशीर्वाद

बीजेपी के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी ने गले लगाकर मोदी को दी बधाई

आज ही नरेंद्र मोदी राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात कर प्रधानमंत्री बनने का दावा पेश करेंगे. आगामी 30 मई को प्रधानमंत्री पद के लिए दोबारा शपथ लेंगे.

 

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