Namo Food Packets at Polling Station: गुरूवार सुबह 6 बजे से 20 राज्यों की कुल 91 सीटों पर लोकसभा चुनाव के लिए मतदान हो रहे हैं. इस दौरान उत्तर प्रदेश के नोएडा में एक मतदान केंद्र पर नमो खाने के पैकेट देखने को मिले. सोशल मीडिया पर इस बारे में जंग छिड़ गई है कि ये प्रचार है या नहीं.
नोएडा. उत्तर प्रदेश के नोएडा में एक मतदान केंद्र के बाहर तैनात पुलिसकर्मियों के लिए खाने के पैकेट आए. उनपर नमो छपा हुआ था. ये पैकेट नोएडा सेक्टर 15 ए में तैनात पुलिस अधिकारियों के लिए आए. हालांकि मीडिया के सामने ये आते ही इन्हें वहां से हटा दिया गया. खाने के पैकेट पर हिंदी में नमो फूड्स लिखा था.
पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के प्रचार पर कई सवाल खड़े हो चुके हैं. पहले नमो चाय, नमो कैप, नमो टीवी, नमो कप सभी को लेकर विवाद हो चुका है. कहा गया कि ये आचार संहिता का उल्लंघन है. ऐसे में चुनाव के दिन पोलिंग टीम की गाड़ी में नमो फूड्स पर और विवाद छिड़ गया है.
After Namo Chai
NAMO Cap
NAMO Merchandise
Namo TV
It is time for Namo food packete
That too in polling team's car pic.twitter.com/f6peG72xER— Atul 🚲 (@secular_arrow) April 11, 2019
दरअसल भारत में चुनाव नियम है कि चुनाव दिवस पर मतदान केंद्रों के 200 मीटर के भीतर पार्टियों या उम्मीदवारों से संबंधित किसी भी सामान की उपस्थिति नहीं होनी चाहिए. इस बारे में एसएसपी नोएडा ने सफाई देते हुए कहा, कुछ खाने के पैकेट स्थानीय स्तर पर खरीदे गए जो नमो फूड शॉप से खरीदे गए थे. इनके लिए कोई आधिकारिक आदेश जारी नहीं किया गया था.
— Anurag Dhanda (@anuragdhanda) April 11, 2019
वहीं सोशल मीडिया पर इसे लेकर अलग जंग छिड़ी है. कई ट्विटर यूजर्स ने कहा कि नमो फूड्स का पीएम मोदी या भाजपा से कोई लेना-देना नहीं है. कुछ ने कहा कि ये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा का लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार है. इसे आचार संहिता का उल्लघन बताया गया है.
बता दें कि गुरूवार सुबह 6 बजे से 20 राज्यों की 91 लोकसभा सीटों पर मतदान हो रहे हैं. इनमें नोएडा, उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत आता है. यहां भी आज लोकसभा चुनाव के पहले चरण के तहत मतदान हो रहा है. इस सीट पर भाजपा के केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा का सामना कांग्रेस के एक युवा अरविंद कुमार सिंह से हो रहा है.
वहीं चुनाव नियमों के उल्लंघन के आरोपों से चुनाव आयोग घिर गया है और विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग पर भाजपा से जुड़ी शिकायतों पर धीमी गति से चलने का आरोप लगाया है. विपक्ष का कहना है कि चुनाव आयोग वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनाव में अनुचित लाभ देता है.