कोहिमा/ इम्फाल. 31 अक्टूबर को होने वाली प्रचलित नागा राजनीतिक समस्या को समाप्त करने के लिए शांति वार्ता के अगले दौर के साथ, नागालैंड और मणिपुर सरकारों ने किसी भी घटना से बचने के लिए कदम उठाए हैं और अपने संबंधित पुलिस बलों को हाई अलर्ट पर रखा है. अधिकारियों ने कोहिमा में कहा कि नागालैंड सरकार ने जिलों के सभी डिप्टी कमिश्नरों और प्रशासनिक अधिकारियों को अगले आदेश तक अपने अधिकार क्षेत्र में और अपने अधिकार क्षेत्र में रहने का निर्देश दिया है. नागालैंड पुलिस मुख्यालय ने सभी प्रकार की छुट्टियों पर प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी किया है और सभी यूनिट कमांडरों को निर्देश दिया है कि मेडिकल छुट्टी पर गए अधिकारी और कर्मियों को छोड़कर वे सभी अधिकारियों और कर्मियों को तुरंत वापस बुलाएं.
पड़ोसी मणिपुर में, जहां नागाओं की बड़ी मौजूदगी है, राज्य में सुरक्षा बलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है और इंफाल में राजभवन के पास सहित किसी भी क्षेत्र में सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है. राज्य सरकार के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि अवांछित गतिविधियां हो सकती हैं. मणिपुर के अन्य राजनीतिक दलों के साथ भाजपा के एक प्रतिनिधिमंडल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से मिलने की मांग कर रहे हैं ताकि नगा शांति वार्ता मुद्दे पर मणिपुर के लोगों की भावनाओं को व्यक्त किया जा सके. इस बारे में जानकारी एक वरिष्ठ भाजपा सदस्य ने दी. दरअसल, सात-दशक पुरानी नागा उग्रवाद समस्या का स्थायी समाधान खोजने के लिए 24 अक्टूबर को बातचीत का महत्वपूर्ण दौर अनिर्णायक रहा है.
शांति वार्ता पर किसी भी आशंका को खारिज करने की मांग करते हुए, नागालैंड के मुख्य सचिव टेम्जेन टॉय ने कहा, सब कुछ सामान्य है और जनता को किसी भी अप्रिय स्थिति की चिंता करने की ज़रूरत नहीं है. हम आशंकित नहीं हैं, लेकिन हम अनभिज्ञ नहीं हैं. और इसलिए हम किसी भी प्रकार की घटनाओं का सामना करने के लिए सतर्क हो रहे हैं. नागालैंड के पुलिस महानिदेशक टी जॉन लॉन्गकुमेर ने कहा की, हम किसी भी कानून और व्यवस्था की स्थिति के होने की तैयारी कर रहे हैं, क्योंकि कुछ भी हो सकता है. हम हमेशा से ऐसे ही है. डीजीपी ने कहा, लोगों को डरने के बजाय, खुश होना चाहिए कि राज्य पुलिस उनकी सुरक्षा के लिए हाई अलर्ट पर है. कोहिमा में पुलिस मुख्यालय ने सोशल मीडिया के जरिए भारत रिजर्व बटालियनों को निर्देश दिया कि वे राज्य में स्थिति को देखते हुए कम से कम दो महीने के राशन, तरल पदार्थ और ईंधन का स्टॉक रखें.
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