Murli Manohar Joshi Out of Lok Sabha Election 2019: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के संस्थापक सदस्य मुरली मनोहर जोशी लोकसभा 2019 में चुनाव नहीं लड़ेंगे. उन्होंने खुद बताया कि पार्टी के महासचिव रामलाल ने उन्हें कानपुर या किसी अन्य जगह से चुनाव लड़ने से मना कर दिया है. लालकृष्ण आडवाणी के बाद मुरली मनोहर जोशी को लोकसभा चुनाव से आउट किए जाने पर ट्विटर और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लोगों ने नरेंद्र मोदी और अमित शाह को जिम्मेदार ठहराया है.
नई दिल्ली. भारतीय जनता पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक मुरली मनोहर जोशी 2019 में लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे. जोशी ने मंगलवार को खुद बताया कि भारतीय जनता पार्टी के महासचिव रामलाल ने उनसे कानपुर तो क्या कहीं ओर से भी लोकसभा चुनाव लड़ने से मना कर दिया है. मुरली मनोहर जोशी के इस बयान के बाद से राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है. ट्विटर समेत अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लोगों ने इस पर चुटकी लेना भी शुरू कर दिया. कुछ लोग कह रहे हैं कि अब जोशी का राजनीति को गुडबाय कहने का वक्त आ गया है. वहीं कुछ लोगों का कहना है कि जिस तरह से उन्हें चुनाव लड़ने के लिए मना किया गया है यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है.
ट्विटर पर एक यूजर का कहना है कि बीजेपी के एक निष्ठावान नेता के लिए अब चुनाव लड़ने के रास्ते बंद हो गए हैं.
https://twitter.com/scribe_prashant/status/1110372468756303872
पत्रकार स्वाति चतुर्वेदी का कहना है कि जैसा मोदी और शाह ने आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी के साथ किया वह काफी दुर्भाग्यपूर्ण है.
The way Modi & Shah treated L K Advani & Murli Manohar Joshi is truly disgraceful. Shah did not even have the grace to go & meet them sending “messenger” Ram Lal. Does the @RSSorg approve?
— Swati Chaturvedi (@bainjal) March 26, 2019
उपासना सिंह ने लिखा है कि आपको समझना चाहिए कि आपका समय अब खत्म हो चुका है.
https://twitter.com/upasanatigress/status/1110420344614064130
इनका कहना है कि बीजेपी के संस्थापकों के साथ ऐसा व्यवहार गलत है.त आप सोच सकते हैं कि भविष्य में आपके बाद वाले नेता आपके साथ भी ऐसा ही करेंगे.
This is no way to treat our founders. They are literally being thrown out. Modi and Shah have set a dangerous precedent and they will face the same treatment later@bainjal
M M Joshi Told That Modi, Shah Do Not Want Him to Contest Lok Sabha Polls https://t.co/72E6oFIJ32— Praveen Johri (@jollyjohri) March 25, 2019
एक यूजर ने ट्वीट किया है कि मुरली मनोहर जोशी और लालकृष्ण आडवाणी ने हिंदुत्व की राजनीति की लेकिन वे हिंदू धर्म की जरूरी सीख संन्यास आश्रम में जाना भूल गए.
मुरली मनोहर जोशी और लालकृष्ण आडवाणी ने हिंदुत्व की राजनीति की, लेकिन हिंदू धर्म की जरूरी सीख भूल गए। एक उम्र के बाद नई पीढ़ी को बागडोर देकर वानप्रस्थ और संन्यास आश्रम में जाना होता है। जो ऐसा नहीं करता वो सदा उपहास का पात्र बनता है।
Murli Manohar Joshi— Chandra Prakash (@CPism) March 26, 2019
बीजेपी समर्थक एक यूजर का कहना है कि मुरली मनोहर जोशी के चुनाव नहीं लड़ने पर बीजेपी कार्यकर्ताओं से ज्यादा कांग्रेस वाले ज्यादा चिंतित नजर आ रहे हैं.
It seems that @INCIndia, its media partners and PIL partners are more worried aout "Murli Manohar Joshi" not contesting than @BJP4India karyakartas.
— Gopal (Modi Ka Parivar) 🇮🇳 (@gopalakrish) March 26, 2019
It would be family business only if Murli Manohar Joshi and Lal Krishna Advani were family members! They are the founding members from the days of Jana Sangh and took them over 50 years to build the party. Come to think of it Modi is Advani's chela, otherwise he would be nobody.
— gpr fix (in হীরক রাজার দেশে) (@gpr90662b) March 26, 2019
आपको बता दें कि बीजेपी अपने उम्रदराज नेताओं को साइडलाइन करने में लगी है. बीजेपी की लोकसभा चुनाव 2019 को लेकर जारी की गई प्रत्याशियों की पहली सूची में भाजपा के वरिष्ठतम नेता लालकृष्ण आडवाणी का टिकट काट दिया था. आडवाणी के संसदीय क्षेत्र गुजरात के गांधीनगर से बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को प्रत्याशी बनाया गया है. इससे साफ जाहिर है कि इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह समेत आला नेताओं ने कभी पार्टी के सर्वेसर्वा रहे इन वरिष्ठ नेताओं की अब मुख्यधारा की राजनीति में कोई जगह नहीं है.