Murli Manohar Joshi Out of Lok Sabha Election 2019: रामलाल जी बोले- कानपुर ही नहीं, कहीं से भी चुनाव मत लड़िए, मुरली मनोहर जोशी ने बताई अंदर की बात

Murli Manohar Joshi Out of Lok Sabha Election 2019: भाजपा के संस्थापक और दिग्गज नेता मुरली मनोहर जोशी ने 2014 में कानपुर सीट पर रिकॉर्ड अंतर से जीत दर्ज की थी. लेकिन संसद की ऐस्टिमेट्स समिति के प्रमुख के रूप में उनकी भूमिका ने पीएम नरेंद्र मोदी और भाजपा राष्ट्र अध्यक्ष अमित शाह को परेशान कर दिया है.

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Murli Manohar Joshi Out of Lok Sabha Election 2019: रामलाल जी बोले- कानपुर ही नहीं, कहीं से भी चुनाव मत लड़िए, मुरली मनोहर जोशी ने बताई अंदर की बात

Aanchal Pandey

  • March 26, 2019 9:24 am Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

नई दिल्ली. भारतीय जनता पार्टी के संस्थापक और कानपुर से संसद के मौजूदा सदस्य मुरली मनोहर जोशी को सोमवार को बताया गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह नहीं चाहते हैं कि वह फिर से चुनाव में खड़े हों. उन्हें पीएम मोदी और भाजपा अध्यक्ष का ये कड़ा संदेश पार्टी के महासचिव राम लाल ने सोमवार को सुनाया.

बता दें कि मुरली मनोहर जोशी एक बार फिर कानपुर से चुनाव लड़ने के लिए तैयार थे. सूत्रों के मुताबिक उन्हें पीएम मोदी और अमित शाह का संदेश देते हुए राम लाल ने कहा था कि पार्टी को शर्मिंदगी से बचाने के लिए लोकसभा चुनाव छोड़ने के बारे में मुरली मनोहर जोशी खुद घोषणा करें.

सूत्रों ने बताया कि आहत मुरली मनोहर जोशी ने राम लाल से कहा कि वह किसी तरह की कोई घोषणा नहीं करेंगे और वह कानपुर में सिटिंग सांसद के रूप में चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं. सूत्रों का कहना है कि मुरली मनोहर जोशी ने राम लाल से कहा कि यह उनके लिए बेहद अपमानजनक है कि नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने राम लाल को ये संदेश देने के लिए भेजा बजाए इसके कि वो खुद इस बात को बताएं.

कानपुर की जनता को मुरली मनोहर जोशी का संदेश

मंगलवार को पार्टी ने अपने स्टार प्रचारकों की घोषणा की. इनमें मुरली मनोहर जोशी का नाम नहीं है. उन्हें पहले से कोई संकेत नहीं दिया गया था कि उन्हें पार्टी के टिकट से वंचित कर दिया जाएगा. सूत्रों के अनुसार अपना गुस्सा जाहिर करते हुए मुरली मनोहर जोशी ने कहा, वे (पीएम नरेंद्र मोदी और अमित साह) किस चीज से डरते हैं? वे मेरा सामना क्यों नहीं कर सकते?

2014 के चुनाव में मुरली मनोहर जोशी ने नरेंद्र मोदी के लिए अपनी वाराणसी सीट खाली कर दी थी और फिर 57% वोट हासिल करके एक रिकॉर्ड अंतर से कानपुर जीता था. बीजेपी मीडिया को बता रही है कि 2014 के चुनाव के बाद मार्गदर्शक मंडल में शामिल होने वाले सभी वरिष्ठ नेताओं ने इस बार लोकसभा के लिए नहीं लड़ने का फैसला किया है, जिसमें एल.के. आडवाणी और शांता कुमार शामिल हैं. बता दें कि राम लाल ने इन लोगों से भी मुलाकात की थी.

हालांकि लाल कृष्ण आडवाणी ने खुद चुनाव लड़ने से मना कर दिया था, लेकिन सूत्रों का कहना है कि वो अपमान से बेहद आहत हुए थे. मुरली मनोहर जोशी और लाल कृष्ण आडवाणी दोनों को उम्मीद थी कि शाह कम से कम खुद ये बात बताने का शिष्टाचार रखेंगे. सूत्रों का कहना है कि अब अपने अगले कदम पर विचार कर रहे हैं.

मुरली मनोहर जोशी जो संसद की ऐस्टिमेट्स समिति के अध्यक्ष हैं. कहा जा रहा है कि उन्होंने कई बार अपने विचारों और कामों से मोदी सरकार को शर्मिंदा किया है. इसी कारण उन्हें पार्टी आगे नहीं ले जाना चाह रही है.

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