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‘जनसंख्या विस्फोट मजहब की नहीं, मुल्क की मुसीबत’ योगी के बयान पर नकवी का पलटवार

नई दिल्ली : विश्व जनसंख्या दिवस पर उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बढ़ती आबादी को लेकर जो बयान दिया था उसपर अब बहस छिड़ गई है. इसी बीच भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है. मुख्तार अब्बास नकवी ने जनसंख्या विस्फोट को धर्म से ना जोड़ने […]

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‘जनसंख्या विस्फोट मजहब की नहीं, मुल्क की मुसीबत’ योगी के बयान पर नकवी का पलटवार
  • July 12, 2022 11:23 am Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली : विश्व जनसंख्या दिवस पर उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बढ़ती आबादी को लेकर जो बयान दिया था उसपर अब बहस छिड़ गई है. इसी बीच भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है. मुख्तार अब्बास नकवी ने जनसंख्या विस्फोट को धर्म से ना जोड़ने की बात कही है. उन्होंने कहा है कि ये पूरे मुल्क की मुसीबत है.

 

क्या बोले नक़वी?

सीएम योगी के जनसंख्या वाले बयान पर मुख्तार अब्बास नकवी ने ट्वीट कर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने इस ट्वीट के माध्यम से कहा, “बेतहाशा जनसंख्या विस्फोट किसी मजहब के लिए नहीं, बल्कि मुल्क की मुसीबत है. इसे जाति और घर्म से जोड़कर देखना जायज नहीं है. बता दें, नकवी का ये बयान ऐसे समय में आया है जब उन्होंने हाल ही में अपने केंद्रीय मंत्री के पद से इस्तीफा दिया है. इतना ही नहीं उनका राज्यसभा का कार्यकाल भी अब पूरा हो चुका है. इसी बीच इस बात की भी चर्चा तेज है कि भाजपा उन्हें उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बना सकती है.

क्या बोले थे सीएम योगी?

सीएम योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को विश्व जनसंख्या दिवस पर लखनऊ में एक कार्यक्रम के दौरान यूपी की बढ़ती आबादी पर चिंता जताई. उन्होंने कहा कि हमें यह ध्यान रखना होगा कि जनसंख्या नियंत्रण का कार्यक्रम सफलतापूर्वक आगे बढ़े लेकिन इस बात का भी ध्यान रखना होगा कि असंतुलन पैदा न हो, उन्होंने कहा कि ऐसा न हो कि किसी वर्ग की आबादी बढ़ने की स्पीड और उनका प्रतिशत ज्यादा हो जाए, इसके लिए जागरूकता अभियान की सख्त ज़रूरत है.

मजहब से ऊपर उठें – योगी

सीएम योगी ने कहा कि जिन देशों की जनसंख्या ज्यादा होती है, वहां जनसंख्या असंतुलन चिंता का एक विषय बना हुआ है क्योंकि रिलीजियस डेमोग्राफी पर भी इसका असर पड़ता है. एक समय के बाद जहाँ जनसख्या ज्यादा होती है वहां अवव्यस्था और अराजकता जन्म लेने लगती है, इसलिए जनसंख्या स्थिरीकरण के प्रयासों से जाति, मत-मजहब, क्षेत्र, भाषा से ऊपर उठकर समाज में समान रूप से जागरूकता के व्यापक कार्यक्रम से जुड़ने की जरूरत है.

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