Mohan Bhagwat Ram Mandir Statement: विश्व हिंदू परिषद ने रविवार 25 नवंबर 2018 को नागपुर में हुंकार सभा का आयोजन किया. इस आयोजन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने राम मंदिर को लेकर बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि अब धैर्य का समय खत्म हो गया है अब सरकार को राम मंदिर निर्माण के लिए कानून लाना होगा. इसके लिए सरकार पर दबाव बनाया जाए.
नागपुर. विश्व हिन्दू परिषद द्वारा रविवार 25 नवंबर 2018, को नागपुर में आयोजित हुंकार सभा में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि धैर्य का समय खत्म हो गया है और अगर राम मंदिर सुप्रीम कोर्ट की प्राथमिकता नहीं है तो मंदिर निर्माण के लिए सरकार अध्यादेश लाकर कानून बनाए.
भागवत ने एक बयान में कहा, ‘एक साल पहले मैंने ही कहा था कि धैर्य बनाए रखें. लेकिन अब मैं ही कह रहा हूं की धैर्य से काम नहीं चलेगा. अब हमें लोगों को इकट्ठा करने की जरूरत है. अब हमें एक कानून की मांग करनी चाहिए.’ साथ ही उन्होंने कहा, ‘यदि किसी भी कारण से क्योंकि कोर्ट के पास बहुत काम है और शायद वो समाज की संवेदनशीलता को नहीं समझ रहे हैं, राम मंदिर केस उनके लिए प्राथमिकता नहीं है, तो सरकार को सोचना चाहिए की राम मंदिर निर्माण के लिए कैसे कानून लेकर आएं. कानून जल्द से जल्द आना चाहिए’.
उन्होंने कहा अब ये आंदोलन का सोचा समझा समय होना चाहिए. उन्होंने बाबरी मस्जिद गिराए जाने पर जानकारी देते हुए कहा, ‘1992 में वो तत्कालिन प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव के पास राम मंदिर निर्माण को लेकर पहुंचे थे लेकिन उन्होंने कोई भी निर्णय नहीं लिया. तब करसेवक नाराज हो गए और जो हुआ वो हुआ. समाज के लोग केवल कानून के हिसाब से ही नहीं चलके पर अपनी मर्जी के हिसाब से चलते हैं. 2010 में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मंदिर निर्माण के पक्ष में फैसला दिया था लेकिन अब साफतौर पर जाहिर है कि ये कोर्ट के लिए ये प्राथमिकता नहीं है.’
उन्होंने कहा, ‘लोगों को सरकार से लड़ना नहीं चाहिए बल्कि उनपर दबाव बनाना चाहिए. यदि सरकार मंदिर नहीं बनाना चाहती तो इस दबाव में झुकेगी और यदि बनाना चाहती है तो इस दबाव से उन्हें हिम्मत मिलेगी.’ बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अयोध्या राम मंदिर निर्माण मामले में हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर कोर्ट जनवरी 2019 में ही सुनवाई करेगी.