मुंबई। महाराष्ट्र से उठे लाउडस्पीकर विवाद में अब मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने पुणे के पुलिस आयुक्त को पत्र लिखा है. इस पत्र में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख ने कहा है कि सभी मौलवियों को लिखित बयान देना चाहिए कि वे लाउडस्पीकर के जरिए अजान नहीं करेंगे. उन्होंने एक बार फिर अपने पत्र में […]
मुंबई। महाराष्ट्र से उठे लाउडस्पीकर विवाद में अब मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने पुणे के पुलिस आयुक्त को पत्र लिखा है. इस पत्र में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख ने कहा है कि सभी मौलवियों को लिखित बयान देना चाहिए कि वे लाउडस्पीकर के जरिए अजान नहीं करेंगे. उन्होंने एक बार फिर अपने पत्र में कहा है कि अगर वह इस बात को नहीं मानते हैं तो इस बार थानों के सामने लाउडस्पीकर से हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे. राज ठाकरे ने यहां तक कह दिया है कि अगर राज्य भर की मस्जिदों से लाउडस्पीकर नहीं हटाए गए तो परिणाम के लिए उनकी पार्टी जिम्मेदार नहीं होगी.
आपको बता दें कि महाराष्ट्र से उठा लाउडस्पीकर विवाद अब देश के अन्य राज्यों में भी पहुंच गया है. इस मुद्दे पर महाराष्ट्र में ही बहुत कुछ हो चुका है. इससे पहले राज ठाकरे ने 3 अप्रैल तक की समय सीमा दी थी. इसमें कहा गया था कि अगर 4 अप्रैल को किसी मस्जिद से लाउडस्पीकर पर अजान होगी तो वहां हनुमान चालीसा का पाठ कर उसका जवाब देंगे. उन्होंने राज्य के सीएम उद्धव ठाकरे के घर के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ करने की भी घोषणा की.
मनसे प्रमुख के इस अल्टीमेटम को देखते हुए राज्य के सभी धार्मिक स्थलों पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है. साथ ही मनसे प्रमुख और राज्य के सीएम के घर के बाहर सुरक्षा कड़ी कर दी गई थी. राज ठाकरे ने पिछले दिनों इस संबंध में लोगों को एक खुला पत्र भी लिखा था, जिसमें कहा गया था कि कानून सभी के लिए समान होना चाहिए. आरोप था कि मुसलमान बड़े मौकों पर सड़कों पर नमाज पढ़ते हैं, जिससे लोगों को असुविधा होती है. वहीं हिंदुओं के लिए कई तरह के प्रतिबंध लगाए गए हैं.
उन्होंने ट्विटर पर बाल ठाकरे का एक पुराना वीडियो भी पोस्ट किया जिसमें उन्होंने मस्जिदों में लगे लाउडस्पीकरों पर कड़ी आपत्ति जताई थी. आपको बता दें कि एक तरफ महाराष्ट्र सरकार लाउडस्पीकर के मुद्दे पर अड़ी हुई है तो दूसरी तरफ बीजेपी और मनसे लगातार हमले करती नजर आ रही है. हाल ही में महाराष्ट्र के गृह मंत्री ने कहा था कि राज्य में केवल कुछ मस्जिदों ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन किया है, जिन पर निर्धारित नियमों के आधार पर कार्रवाई की जा रही है.