नई दिल्लीः पुलवामा आतंकवादी हमले के मास्टरमाइंड मसूद अजहर की मौत की खबर को आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने खारिज कर दिया है.मसूद इसी संगठन का सरगना है. इससे पहले पाकिस्तानी मीडिया के हवाले से खबर आई थी कि मसूद अजहर पीओके में भारतीय वायुसेना के हमले में मारा गया है.लेकिन आतंकवादी संगठन की बात पर पूरी तरह भरोसा भी नहीं किया जा सकता क्योंकि मुमकिन है कि जैश और पाकिस्तान मिलकर मसूद अजहर की मौत की खबर छिपाकर किसी बड़े हमले की प्लानिंग कर रहे हों. शुक्रवार को पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा था मसूद अजहर बीमार है और अस्पताल में भर्ती है.
मालूम हो कि मसूद अजहर का जन्म 10 जुलाई 1968 को पाकिस्तान के बहावलपुर में हुआ था. वह भारत में 1994 के आसपास आजाद कश्मीर का नारा बुलंद करने आया था. आया था. वह सोमालिया, लंदन, अफगानिस्तान समेत दुनिया के कई देशों में दहशतगर्दी फैलाने के लिए मशहूर हुआ. उसपर भारत में दिसंबर 2001 के दौरान भारतीय संसद पर हुए हमले, 2016 में पठानकोट आतंकी हमला और 14 फरवरी 2019 को जम्मू-कश्मीर स्थित पुलवामा में आतंकी हमला कराने समेत कई आरोप हैं. साल 2016 में पठानकोट हमले के बाद पाकिस्तान सरकार ने उसे हिरासत में ले लिया था.
51 वर्षीय मसूद अजहर साल 1994 के दौरान फेक आईडी पर कश्मीर आया था. फरवरी 1994 में उसे कश्मीर में अरेस्ट कर लिया गया था. जुलाई 1995 में अल-फरान नामक आतंकी संगठन ने मसूद अजहर की रिहाई के लिए जम्मू-कश्मीर में 6 विदेशी टूरिस्टों को अगवा कर लिया. एक टूरिस्ट तो अल फरान के कब्जे से आजाद हो गया, लेकिन बाकी का कुछ पता नहीं चला.
साल 1999 में आतंकियों ने नई दिल्ली से काठमांडू जा रहे एयर इंडिया के विमान Indian Airlines Flight 814 को अगवा कर लिया और अफगानिस्तान स्थित कंधार ले गया. बाद में आतंकियों ने यात्रियों की रिहाई के एवज में मौलाना मसूद अजहर समेत 3 आतंकियों को छोड़ने की शर्त रखी. बाद में मजबूरन भारत सरकार को मौलाना मसूद अजहर को छोड़ना पड़ा. इसे भारत सरकार की कूटनीतिक हार बताया गया था.
उल्लेखनीय है कि भारत सरकार ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से कई बार अपील की है कि वह मसूद अजहर को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित कर उसे प्रतिबंधित करे, लेकिन हर बार चीन के पाकिस्तान प्रेम की वजह से मौलाना मसूद अजहर के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय कार्रवाई नहीं हो सकी. बीते महीने पुलवामा हमले के बाद आतंक का पर्याय और भारत के सबसे बड़े दुश्मन मौलाना मसूद अजहर के खिलाफ नरेंद्र मोदी सरकार ने जंग छेड़ दी और आखिरकार पीओके स्थित आतंकी ठिकानों पर बमबारी कर उसे मौत के घाट उतार दिया.
Masood Azhar is Dead: 1994 में भारत के शिकंजे में ऐसे फंसा था जैश-ए-मोहम्मद सरगना मौलाना मसूद अजहर
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