नई दिल्ली. पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा है कि कांग्रेस की अगुवाई वाली यूपीए सरकार के दौरान भी भारतीय सेना के जवानों ने कई बार सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया लेकिन हमने कभी सेना के शौर्य और ऑपरेशन का चुनाव और वोट में इस्तेमाल नहीं किया. बीजेपी और नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए मनमोहन सिंह ने कहा कि पिछले 70 सालों में ये पहली सरकार है जो सेना का इस्तेमाल वोट पाने के लिए कर रही है. लोकसभा चुनाव में इस बार राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा छाया हुआ है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी कई चुनावी रैलियों में सेना के पराक्रम का जिक्र किया है. उन्होंने सर्जिकल स्ट्राइक और बालाकोट एयर स्ट्राइक का श्रेय केंद्र में मजबूत सरकार को दिया. अंग्रेजी अखबार हिंदुस्तान टाइम्स को दिए इंटरव्यू में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने नरेंद्र मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा है.
पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकी हमले को मोदी सरकार की बड़ी चूक बताते हुए मनमोहन सिंह ने कहा कि हमारे 40 जवान शहीद हो गए. ये हमारी बड़ी चूक है. सीआरपीएफ ने बटालियन को एयरलिफ्ट करने की मांग की थी जिसे नहीं माना गया. जम्मू-कश्मीर पुलिस ने भी पहले से खुफिया चेतावनी दी थी कि फिदायीन आईईडी ब्लास्ट से हमला कर सकते हैं, इसके बावजूद सरकार सोती रही. मनमोहन सिंह ने कहा कि पिछले पांच साल में लगातार हमारे सैन्य ठिकानों पर हमले होते रहे हैं. उरी, पठानकोट, गुरदासपुर, सुंजवान आर्मी कैंप के साथ-साथ अमरनाथ यात्रा तक पर हमला हो हुआ.
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि पठानकोट हमले की जांच के लिए ISI को आमंत्रित करना मोदी सरकार की सबसे बड़ी रणनीतिक भूल थी. इससे हमारी सेना का मनोबल कमजोर हुआ. सिंह ने कहा कि पिछले पांच सालों में देश की स्थिति सुरक्षा के मोर्चे पर कमजोर हुई है. चाहे वह सीमा पार से होने वाले हमले हों या जम्मू-कश्मीर के लगातार खराब होते हालात हों. बीजेपी पीडीपी गठबंधन सरकार में कश्मीर घाटी की स्थिति बद से बदतर हुई. मनमोहन सिंह ने कहा कि मोदी सरकार जिस तरह सेना की आड़ लेकर बीजेपी की वोट और चुनाव की राजनीति साध रही है, यह शर्मनाक है. मनमोहन सरकार में मंत्री रह चुके टीआरएस प्रमुख और तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव यानी केसीआर ने चुनाव प्रचार के दौराना दावा किया था कि यूपीए सरकार में 11 बार सर्जिकल स्ट्राइक किया गया लेकिन कभी उसकी पब्लिसिटी नहीं की गई और ना ही चुनाव या वोट के लिए उसका इस्तेमाल किया गया.
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बुड़बक समझे हो क्या पब्लिक को....