Bihar Politics: कसम खाता हूं छोड़कर नहीं जाऊंगा… कहने वाले मांझी के बेटे ने 107 दिन में लिया U-टर्न

पटना: मंगलवार को बिहार की सियासत में बड़ा फेरबदल देखने को मिला जहां पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी के बेटे संतोष सुमन ने आज नीतीश कुमार की कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया है. हैरानी की बात ये है कि इसी साल 27 फरवरी को मांझी ने सीएम नीतीश कुमार के पक्ष में नारे लगाए थे. फरवरी […]

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Bihar Politics: कसम खाता हूं छोड़कर नहीं जाऊंगा… कहने वाले मांझी के बेटे ने 107 दिन में लिया U-टर्न

Riya Kumari

  • June 13, 2023 5:23 pm Asia/KolkataIST, Updated 1 year ago

पटना: मंगलवार को बिहार की सियासत में बड़ा फेरबदल देखने को मिला जहां पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी के बेटे संतोष सुमन ने आज नीतीश कुमार की कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया है. हैरानी की बात ये है कि इसी साल 27 फरवरी को मांझी ने सीएम नीतीश कुमार के पक्ष में नारे लगाए थे. फरवरी में विधानमंडल की बैठक के दौरान पूर्व सीएम ने कहा था कि ”कसम खाकर कहता हूं, नीतीश का साथ छोड़कर कहीं नहीं जाऊंगा.” उनके इस बयान के महज 107 दिनों बाद बेटे संतोष सुमन ने नीतीश कुमार के कैबिनेट से इस्तीफ़ा दे दिया है.

बेटे ने दिया इस्तीफा

जीतनराम मांझी के बेटे संतोष सुमन बिहार सरकार में अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के मंत्री थे जिन्होंने अब अपने पद से इस्तीफा तो दे ही दिया है साथ ही नीतीश कुमार पर आरोपी भी लगाया है. संतोष सुमन का आरोप है कि वह उनपर उनकी पार्टी ‘हम’ का जदयू में विलय करने का दबाव डाल रहे थे. हालांकि उन्होंने महागठबंधन में रहने की बात कही है. आइए आपको बताते हैं क्या है इस बनते बिगड़ते सियासी गठजोड़ के मायने।

ये है सियासी समीकरण

बता दें,पिछले साल बीजेपी से नीतीश कुमार ने नाता तोड़कर राजद-कांग्रेस के साथ महागठबंधन की सरकारी बनाई जिसमें सीएम की कमान उनके ही हाथों में थी. वाम दलों ने इस सरकार में बाहर से समर्थन भी दिया. हम पार्टी ने 2020 का विधानसभा चुनाव नीतीश कुमार के साथ लड़ा था. लेकिन अब जब खुद नीतीश कुमार गठबंधन से बाहर हो गए थे तो हम पार्टी ने भी नीतीश खेमे से हाथ मिलाया जिसके चार विधायक महागठबंधन का हिस्सा बने. इस सरकार में मांझी के बेटे को मंत्री पद भी दिया गया जिन्होंने अब अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. एक सवाल ये भी है कि आखिर मांझी ने नीतीश कुमार का साथ ना छोड़ने की कसम क्यों खाई थी?

 

दरअसल मांझी पर बीजेपी की नजर रही है. उस दौरान नीतीश कुमार ने कहा था ‘अब मांझी जी पर लगा हुआ है, अब मांझी जी को इधर-उधर नहीं करना है. हमी लोग उनको आगे बढ़वा देंगे.’ नीतीश के इसी बयान पर मांझी ने उन्हें भरोसा दिलाया था कि वे मुख्यमंत्री का साथ नहीं छोड़ेंगे.

 

अंदर की बात समझें

एक पक्ष ये भी कहता है कि संतोष सुमन के आरोप और महागठबंधन में बने रहने की बात उनके इस्तीफे के पीछे का असल कारण नहीं है. खबर ये भी है कि मांझी और नीतीश के बीच कुछ नाराज़गी चल रही है. 23 जुलाई को पटना में जिन विपक्षी दलों की बैठक बुलाई गई है उस बैठक का न्योता सीएम नीतीश अपने सहयोगी जीतन राम मांझी को नहीं भेजा है. बता दें, इस बैठक में राहुल गांधी से लेकर मलिकार्जुन खरगे और अखिलेश यादव, केजरीवाल, ममता बनर्जी, स्टालिन समेत अन्य विपक्षी दलों के नेता मौजूद होंगे. इस बात को लेकर भी दोनों नेताओं के बीच तल्खी है. इससे पहले मांझी नीतीश से मुलाकात भी कर चुके हैं. इस दौरान उनके बेटे संतोष भी मौजूद थे जिन्होंने नीतीश के सामने पांच लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की मांग रखी थी.

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