नई दिल्ली। दक्षिण भारतीय राज्य कर्नाटक में बीजेपी की हार ने विपक्षी दलों को एकजुट होने का मौका दे दिया है. दरअसल कर्नाटक में सत्ताधारी पार्टी भारतीय जनता पार्टी को 224 विधानसभा सीट में से सिर्फ 66 सीट पर ही जीत हासिल हुई है. वहीं कांग्रेस ने 135 सीट जीत कर प्रचंड बहुमत से सत्ता […]
नई दिल्ली। दक्षिण भारतीय राज्य कर्नाटक में बीजेपी की हार ने विपक्षी दलों को एकजुट होने का मौका दे दिया है. दरअसल कर्नाटक में सत्ताधारी पार्टी भारतीय जनता पार्टी को 224 विधानसभा सीट में से सिर्फ 66 सीट पर ही जीत हासिल हुई है. वहीं कांग्रेस ने 135 सीट जीत कर प्रचंड बहुमत से सत्ता में वापसी की है.
कर्नाटक में भाजपा की हार से विपक्ष को एकजुट होने का मौका मिला है. 13 मई को कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नीतजे सामने आए, इसके बाद कांग्रेस खेमे में सीएम बनाने के लिए कवायद शुरु हो गई है, वहीं पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र में विपक्ष की भूमिका में बैठी महाविकास अघाड़ी महागठबंधन की बैठक हुई. ये महत्वपूर्ण बैठक एनसीपी प्रमुख शरद पवार के घर पर हुई. वहीं दूसरी तरफ शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे ने दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की.
अब इस मामले में बंगाल सीएम ममता बनर्जी कांग्रेस पार्टी का समर्थन करने के लिए तैयार हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि बंगाल जैसे राज्यों में कांग्रेस को तृणमूल कांग्रेस पार्टी की मदद करनी होगी. ममता के अनुसार उनकी पार्टी उन राज्यों में कांग्रेस की मदद करने को तैयार हैं, जहां पर वो मजबूत हैं. जबकि बंगाल जैसे राज्य में कांग्रेस को टीमएमसी की मदद करनी चाहिए.
गौरतलब है कि 2024 में ही लोकसभा चुनाव होने वाला है. अब इसको लेकर टीएमसी प्रमुख सभी विपक्षी दलों से बात करना चाहती हैं. उन्होंने प्रेस को संबोधित करते हुए कहा है कि, ‘मैं कोई जादूगर या ज्योतिषी नहीं हूं, कि मैं कह सकूं भविष्य में क्या होने वाला है. लेकिन एक बात साफ है कि विपक्षी पार्टी जहां पर मजबूत है, वहां पर भारतीय जनता पार्टी को खतरा है. कर्नाटक में पड़े वोट बीजेपी के खिलाफ एक जनादेश है.’