Mamata Banerjee Suvendu Adhikari Nandigram: माना जा रहा है कि ममता बनर्जी जान बूझकर शुभेंदु अधिकारी के खिलाफ नंदीग्राम सीट से चुनाव लड़ रही हैं. नंदीग्राम सीट पर ममता बनर्जी बहुत मजबूत हैं क्योंकि नंदीग्राम हिंसा के बाद हुए आंदोलन की वजह से ही ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल में 34 साल पुरानी बुद्धदेव भट्टाचार्य की लेफ्ट सरकार को हटाने में कामयाब रही थीं.
कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव में खुद के लिए नंदीग्राम सीट चुनी है. दरअसल पत्रकारों के एक सवाल के जवाब में ममता बनर्जी ने कहा कि वो नंदीग्राम से चुनाव लड़ेंगी. माना जा रहा है कि ममता बनर्जी यहां शुभेंदु अधिकारी के खिलाफ चुनाव लड़ेंगी जो हाल ही में टीएमसी से अलग होकर बीजेपी में शामिल हुए हैं. शुभेंदु अधिकारी साल 2016 में टीएमसी की टिकट पर इसी सीट से जीतकर आए थे.
नंदीग्राम का इतिहास भी बड़ा दिलचस्प रहा है. ये वही नंदीग्राम है जहां से ममता बनर्जी के राजनीतिक जीवन की शुरूआत होती है. साल 2007 में पश्चिम बंगाल के तत्कालीन मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य के नेतृत्व वाली लेफ्ट सरकार ने सलीम ग्रूप को ‘स्पेशल इकनॉमिक जोन’ नीति के तहत नंदीग्राम में एक केमिकल हब की स्थापना करने की अनुमति दे दी जिसका हिंसक विरोध हुआ. यहीं से बंगाल की राजनीति में दीदी की एंट्री होती है और वो पश्चिम बंगाल में 34 साल पुरानी लेफ्ट सरकार को उखाड़ फेंकने में कामयाब रहती हैं.
नंदीग्राम आंदोलन का नेतृत्व भले ही ममता बनर्जी कर रही थीं लेकिन इसके नायक शुभेंदु अधिकारी को माना जाता है. शुभेंदु अधिकारी अब ममता बनर्जी का साथ छोड़कर बीजेपी में शामिल हो चुके हैं. ऐसे में नंदीग्राम सीट पर ममता बनर्जी और शुभेंदु अधिकारी की सीधी टक्कर ने पश्चिम बंगाल चुनाव को काफी दिलचस्प बना दिया है. सवाल ये उठ रहा है कि क्या ममता बनर्जी शुभेंदु अधिकारी को नंदीग्राम तक ही समेटने की सोची समझी राजनीति के तहत उनके खिलाफ चुनाव लड़ रही हैं, साथ ही दूसरा सवाल ये भी कि क्या ममता बनर्जी शुभेंदु अधिकारी को नंदीग्राम तक ही समेटने में कामयाब हो पाएंगी?
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