कोलकाता. सौरव गांगुली इस समय सुर्ख़ियों में बने हुए हैं. ऐसे में अब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सौरव गांगुली की वकालत की है. ममता बनर्जी ने इस संबंध में कहा, ‘मैं प्रधानमंत्री से अपील करती हूं कि दादा को आईसीसी चुनाव लड़ने की इजाजत दी जाए.’ ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि […]
कोलकाता. सौरव गांगुली इस समय सुर्ख़ियों में बने हुए हैं. ऐसे में अब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सौरव गांगुली की वकालत की है. ममता बनर्जी ने इस संबंध में कहा, ‘मैं प्रधानमंत्री से अपील करती हूं कि दादा को आईसीसी चुनाव लड़ने की इजाजत दी जाए.’ ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि गांगुली एक लोकप्रिय शख्सियत हैं उन्हें सब जानते और चाहते हैं इसलिए उन्हें परेशान किया जा रहा है. उन्होंने कहा, ‘मैं भारत सरकार से अपील करती हूं कि राजनीतिक तौर पर फैसला न लिया जाए, क्रिकेट और खेल को अलग-अलग रखा जाए, वैसे भी वह राजनीतिक दल के सदस्य नहीं हैं.’
बता दें, सौरव गांगुली भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के निवर्तमान प्रमुख हैं और वह फिर से अपनी राज्य इकाई बंगाल क्रिकेट संघ (कैब) के अध्यक्ष पद पर वापसी करने वाले हैं. इस संबंध में पूर्व भारतीय कप्तान ने शनिवार को कहा कि वह कैब चुनाव लड़ेंगे, दरअसल, गांगुली को बीसीसीआई अध्यक्ष पद से हटना पड़ा क्योंकि बोर्ड में अब तक कोई भी 3 साल से ज्यादा समय तक इस पद पर नहीं रहा है, वह बीसीसीआई अध्यक्ष बनने से पहले 2015 से 2019 के बीच 4 साल तक कैब अध्यक्ष ही रहे थे.
अगर हम इस पूरे घटनाक्रम पर नज़र डालें तो पता चलता है कि अध्यक्ष का चुनाव काफी कुछ इस बात पर निर्भर करता है कि बीसीसीआई क्या फैसला लेता है. फिलहाल अगर बीसीसीआई के रुख को देखा जाए तो गांगुली के आईसीसी अध्यक्ष पद के लिए बीसीसीआई के उम्मीदवार बनने की संभावना बहुत कम है, अब अगर बीसीसीआई के अधिकारियों का अचानक ह्रदय परिवर्तन हो जाता है तो कैब अध्यक्ष के रूप में गांगुली बोर्ड की विभिन्न बैठकों में उनके प्रतिनिधि के तौर पर बोर्ड के प्रशासनिक गलियारों में प्रासंगिक बने रहेंगे, लेकिन ऐसा होना इस समय तो मुश्किल ही लग रहा है.
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