नई दिल्ली, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राष्ट्रपति चुनाव को लेकर एक अहम टिप्पणी की हैं, उन्होंने शुक्रवार को कहा कि यदि एनडीए की ओर से पहले ही द्रौपदी मुर्मू की उम्मीदवारी के बारे में बताया गया होता तो विपक्ष भी राजी हो जाता और सर्वसम्मति से उन्हें चुना जा सकता था. ममता […]
नई दिल्ली, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राष्ट्रपति चुनाव को लेकर एक अहम टिप्पणी की हैं, उन्होंने शुक्रवार को कहा कि यदि एनडीए की ओर से पहले ही द्रौपदी मुर्मू की उम्मीदवारी के बारे में बताया गया होता तो विपक्ष भी राजी हो जाता और सर्वसम्मति से उन्हें चुना जा सकता था. ममता बनर्जी ने द्रौपदी मुर्मू की जीत की संभावनाएं ज्यादा होने की बात को भी स्वीकारा है. उन्होंने कहा, ‘भाजपा ने हमारा सुझाव तो लिया था, लेकिन अपने कैंडिडेट के बारे में कुछ बताया ही नहीं था.’ बता दें कि टीएमसी से ही इस्तीफा देने वाले यशवंत सिन्हा को विपक्ष की ओर से राष्ट्रपति चुनाव के लिए उम्मीदवार घोषित किया गया है.
ममता बनर्जी ने आगे कहा, अगर विपक्ष को पता होता कि भाजपा आदिवासी महिला या फिर अल्पसंख्यक समुदाय के किसी व्यक्ति को राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाना चाहती है तो विपक्ष भी इस पर विचार करता. उन्होंने कहा उनके मन में आदिवासी समुदाय के लोगों के प्रति बहुत सम्मान है और वह तो एक महिला भी हैं, इसलिए उनके लिए उनके मन में बहुत ज्यादा सम्मान है. उन्होंने आगे ये भी कहा कि एपीजे अबुल कलाम के वक्त भी यही हुआ था. ममता ने कहा कि हमारा 16 से 17 पार्टियों का गठबंधन है और हम अकेले ही पीछे नहीं हट सकते हैं, इसमें और भी लोग हैं. वहीं अब ममता बनर्जी की टिप्पणी पर कांग्रेस की भी प्रतिक्रिया आई है.
ममता बनर्जी के इस बयान पर अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि हो सकता है कि उन पर भाजपा की ओर से दबाव हो. अधीर रंजन चौधरी ने कहा, ‘ममता बनर्जी ने ही अपने फैसले पर सभी से सहमत होने को कहा था लेकिन अब वह अपनी जिम्मेदारी से ही भाग रही हैं.’ चौधरी ने कहा कि अब वह यूटर्न लेती हैं तो इसका मतलब होगा कि भाजपा से उन्हें कोई कॉल आया है, या फिर उन पर पीएम नरेंद्र मोदी का दबाव होगा.
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