नई दिल्ली, महाराष्ट्र में सियासी उलटफेर के बाद देश का नया राष्ट्रपति चुनने की जंग अब एकतरफा होती दिख रही है, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन यानी एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू की एकतरफा जीत की संभावनाएं और बढ़ती नज़र आ रही हैं. बदले समीकरणों के बीच अब विपक्षी खेमा भी मन ही मन मुर्मू की जीत को स्वीकार रहा है. राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए के खिलाफ विपक्ष का साझा उम्मीदवार उतारने के लिए बैठक पर बैठक करने वाली पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी ने भी ये स्वीकार कर लिया है कि द्रौपदी मुर्मू की जीत के ज्यादा चांस है.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राष्ट्रपति चुनाव को लेकर एक अहम टिप्पणी की हैं, उन्होंने शुक्रवार को कहा कि यदि एनडीए की ओर से पहले ही द्रौपदी मुर्मू की उम्मीदवारी के बारे में बताया गया होता तो विपक्ष भी राजी हो जाता और सर्वसम्मति से उन्हें चुना जा सकता था. ममता बनर्जी ने द्रौपदी मुर्मू की जीत की संभावनाएं ज्यादा होने की बात को भी स्वीकारा है. उन्होंने कहा, ‘भाजपा ने हमारा सुझाव तो लिया था, लेकिन अपने कैंडिडेट के बारे में कुछ बताया ही नहीं था.’ बता दें कि टीएमसी से ही इस्तीफा देने वाले यशवंत सिन्हा को विपक्ष की ओर से राष्ट्रपति चुनाव के लिए उम्मीदवार घोषित किया गया है.
ममता बनर्जी ने आगे कहा, अगर विपक्ष को पता होता कि भाजपा आदिवासी महिला या फिर अल्पसंख्यक समुदाय के किसी व्यक्ति को राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाना चाहती है तो विपक्ष भी इस पर विचार करता. उन्होंने कहा उनके मन में आदिवासी समुदाय के लोगों के प्रति बहुत सम्मान है और वह तो एक महिला भी हैं, इसलिए उनके लिए उनके मन में बहुत ज्यादा सम्मान है. उन्होंने आगे ये भी कहा कि एपीजे अबुल कलाम के वक्त भी यही हुआ था.
बीजेपी ने भी ममता बनर्जी के इस बयान के बाद उनपर तंज कसा है. भाजपा नेता अमित मालवीय ने कहा कि देउचा पचामी में जनजातियों की जमीन कब्जा करने की असफल कोशिशों के बाद ममता बनर्जी को पता चला है कि उनकी छवि महिला और आदिवासी विरोधी बन रही है, मालवीय ने सवालिया अंदाज में कहा है कि क्या वो राष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को छोड़ देंगी?
ममता बनर्जी के इस बयान पर अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि हो सकता है कि उन पर भाजपा की ओर से दबाव हो. अधीर रंजन चौधरी ने कहा, ‘ममता बनर्जी ने ही अपने फैसले पर सभी से सहमत होने को कहा था लेकिन अब वह अपनी जिम्मेदारी से ही भाग रही हैं.’ चौधरी ने कहा कि अब वह यूटर्न लेती हैं तो इसका मतलब होगा कि भाजपा से उन्हें कोई कॉल आया है, या फिर उन पर पीएम नरेंद्र मोदी का दबाव होगा.
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