Mamata Banerjee Prashant Kishor Tie Up: ममता बनर्जी ने आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर से संपर्क कर रही हैं. ममता बनर्जी ने गुरुवार को प्रशांत किशोर से मुलाकात. करीब दो घंटे की मीटिंग के बाद ममता बनर्जी ने प्रशांत किशोर को पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए नियुक्त कर लिया है.
कोलकाता. पश्चिम बंगाल में बीजेपी के बढ़ते वर्चस्व और राज्य में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर से संपर्क कर रही हैं. गुरुवार को ममता बनर्जी ने प्रशांत किशोर से मुलकात की. कोलकाता में दोनों नेताओं के बीच करीब दो घंटे तक मीटिंग चली जिसके बाद खबर है कि ममता बनर्जी ने प्रशांत किशोर को पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए नियुक्त कर दिया. प्रशांत किशोर वर्तमान में नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) से जुड़े हुए हैं.
प्रशांत किशोर के ममता बनर्जी से मुलाकात करने पर जेडीयू की तरफ से भी बयान आया है. जेडीयू के प्रदेश प्रवक्ता अजय आलोक का कहना है कि दोनों नेताओं की मुलाकात के बारे में अभी तक पार्टी को जानकारी नहीं है. यदि दोनों की मुलाकात प्रोफेशनली है तो जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष कार्रवाई करेंगे. क्योंकि एक पार्टी में रहते हुए उनकी इजाजत के बगैर दूसरी पार्टी के लिए काम करना संभव नहीं है.
गौरतलब है कि 2019 लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी को करारा झटका लगा है जहां पिछले चुनाव में उन्होंने राज्य की 42 सीटों में से 34 सीटें जीती थीं वो इस बार घटकर 22 रह गई हैं. वहीं दूसरी तरफ बीजेपी जो पिछले चुनाव में 2 सीटों तक सिमट गई थी उसने इस बार 18 सीटों पर जीत दर्ज की है. यही वजह है कि ममता बनर्जी राज्य के राजनीतिक हालात को देखते हुए प्रशांत किशोर के पास पहुंची हैं.
प्रशांत किशोर की छवि एक कुशल चुनावी रणनीतिकार की रही है जिन्होंने 2014 में बीजेपी को लोकसभा चुनाव में जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी. इसके बाद बिहार विधानसभा चुनाव में भी उन्होंने नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू को राज्य में जीत दिलाई. इसके बाद बिहार विधानसभा चुनाव में भी उन्होंने नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू को राज्य में जीत दिलाई थी. नीतीश सरकार में प्रशांत किशोर को कैबिनेट मत्री का दर्जा भी दिया गया है.
इसके अलावा यूपी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने भी प्रशांत किशोर की सेवाएं ली थी लेकिन चुनाव से पहले ही प्रशांत किशोर ने कांग्रेस के लिए कैंपेनिंग छोड़ दी थी. बताया जाता है कि कांग्रेस प्रशांत किशोर की सलाह नहीं मान रही थी. प्रशांत किशोर ने कांग्रेस से कहा था कि वो प्रियंका गांधी को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर दे लेकिन कांग्रेस ने उनकी ये बात नहीं मानी लिहाजा प्रशांत किशोर ने पार्टी के लिए रणनीति बनानी बंद कर दी जिसका खामियाजा पार्टी को विधानसभा चुनावों में उठाना पड़ा.