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PM मोदी ने पवार को पानी पिलाकर महाविकास अघाड़ी को फाड़ डाला, जानें पूरा प्लान!

PM द्वारा शरद पवार को पानी पिलाना बेशक सामान्य शिष्टाचार लगे लेकिन अंदर की बात है कि दोंनों नेता और दल एक दूसरे की जरूरत हैं. यदि पवार सत्ता के नजदीक नहीं आये तो देर सबेर पार्टी के अस्तित्व पर ही संकट आ जाएगा. दूसरी तरफ मोदी सरकार को भी कभी भी बैसाखी बदलनी पड़ सकती है.

PM Modi & Sharad Pawar
inkhbar News
  • February 22, 2025 7:03 pm Asia/KolkataIST, Updated 1 month ago

नई दिल्ली. 98वें अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में पीएम मोदी और शरद पवार के बीच जो ट्यूनिंग दिखी उसको लेकर बहुत तेज राजनीतिक प्रतिक्रिया सामने आई है. शिवसेना यूबीटी नेता संजय राउत ने कहा है कि पीएम मोदी राजनीतिक व्यापारी हैं और उन्होंने शरद पवार को कभी भटकी आत्मा कहा था और अब वह उसी आत्मा को पानी पिला रहे हैं. राउत ने आगे जोड़ा कि पीएम मोदी जानते हैं कि मीडिया में कैसे स्पेस लेना है.

बहरहाल पीएम द्वारा पवार को पानी पिलाना बेशक सामान्य शिष्टाचार लगे लेकिन अंदर की बात है कि दोंनों नेता और दल एक दूसरे के नजदीक आ रहे हैं. दोनों को एक दूसरे की जरूरत है. यदि पवार सत्ता के नजदीक नहीं आये तो उनके छह सांसद कभी भी टूट सकते हैं और पार्टी का अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा.

मोदी पका रहे हैं नई खिंचड़ी

राजनीति में कौन किसका दोस्त बनेगा और कौन दुश्मन यह परिस्थितियों पर निर्भर करता है. शरद पवार के बारे में कहा जाता है कि वह कब क्या करेंगे किसी को नहीं पता. जब उनकी पार्टी में टूट हुई और अजित पवार अलग हुए तब भी माना गया कि वह दोहरी भूमिका में हैं. भाजपा के पास केंद्र में अकेले बहुमत नहीं है, वह जनता दल यू और टीडीपी की बैसाखी के सहारे है और इन दोनों पर भगवा पार्टी पूरी तरह भरोसा नहीं करती लिहाजा अतिरिक्त सांसदों का जुगाड़ खोज रही है. ऐसे में उसकी नजर शरद पवार की पार्टी पर जाकर टिकती है. उनके आठ सांसद हैं जिनमें से छह टूटने को तैयार बताये जाते हैं.

पवार के सांसद छटपटा रहे 

तैयारी यह है कि उनकी एंट्री अजित पवार की पार्टी में होगी और बहाना यह रहेगा कि वे असली एनसीपी में आ गये हैं. चुनाव आयोग, कोर्ट और स्पीकर से भी अजित पवार धड़े को मान्यता मिली हुई है. अगर केंद्र में शरद पवार पीएम मोदी की अगुवाई वाली सरकार को समर्थन देते हैं तो उनके सांसद न सिर्फ सुरक्षित रहेंगे बल्कि टूट का खतरा टल जाएगा. दूसरा फायदा यह होगा कि बेटी सुप्रिया सुले को केंद्र में मंत्री पद मिल जाएगा.

सुप्रिया सुले को मिल जाएगी सत्ता 

पिछले दिनों एक उद्योगपति की पहल पर शरद पवार के भाजपा के साथ जाने की अटकलें लगी थीं. चर्चा भी हुई, शरद पवार की बेटी सुप्रिया सूले की मोदी 3.0 में मंत्री बनने की भी बात आई लेकिन बात नहीं बनी. इस बीच नई दिल्ली में पीएम मोदी और शरद पवार की गर्मजोशी ने इस चर्चा को फिर से छेड़ दिया है. सुप्रिया सुले चौथी बार बारामती से जीतकर लोकसभा पहुंची हैं लेकिन काफी दिनों से सत्ता से दूर हैं.

शिवसेना से बढ़ रही दूरी

महाविकास अघाड़ी में मतभेद की खाई चौड़ी होने संबंधित अटकलों को इसलिए भी बल मिलता है कि पिछले दिनों जब आदित्य ठाकरे दिल्ली आये थे तब उन्होंने शरद पवार से मुलाकात नहीं की थी. ऐसे में अगर पवार एनडीए के साथ गये तो इंडिया गठबंधन कमजोर हो जाएगा. यूं भी राजनीति में सत्ता से दूर होने के बाद आपस में कलह शुरू हो जाती है. शरद पवार को साफ दिख रहा है कि केंद्र और महाराष्ट्र में दूर दूर तक सत्ता में आने की गुंजाइश नहीं दिख रही है लिहाजा उनके सांसद और विधायक छटपटा रहे हैं.

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