Maharashtra Govt Formation Latest Update: महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर सोमवार को एनसीपी प्रमुख शरद पवार और अंतरिम कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी मिलकर चर्चा करेंगे, इसके बाद मंगलवार को एनसीपी और कांग्रेस के आला नेताओं की बैठक होगी, उसी में महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ मिलकर सरकार बनाने को लेकर फैसला लिया जाएगा. रविवार शाम हुई नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) कोर कमिटी की बैठक में यह फैसला लिया गया.
मुंबई. महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) कोर कमिटी की बैठक खत्म हो गई है. एनसीपी नेता नवाब मलिक ने कहा कि सोमवार को सोनिया गांधी और शरद पवार के बीच चर्चा होगी. उसके बाद कांग्रेस और एनसीपी के आला नेता साथ में बैठक करेंगे और सरकार गठन का फैसला लेंगे. एनसीपी कोर कमिटी की बैठक रविवार शाम पार्टी अध्यक्ष शरद पवार के आवास पर हुई है. इस बैठक में एनसीपी के आला नेताओं ने महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन खत्म करने और सरकार गठन को लेकर सहमति जताई.
बैठक के बाद नवाब मलिक ने मीडिया को बताया कि एनसीपी इस नतीजे पर पहुंची है कि महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन खत्म होना चाहिए और वैकल्पिक सरकार का गठन किया जाना चाहिए.
उन्होंने कहा कि सोमवार को एनसीपी चीफ शरद पवार और अंतरिम कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के बीच सरकार गठन को लेकर चर्चा होगी. इसके बाद मंगलवार को दोनों पार्टियों की साझा बैठक होगी, जिसमें अंतिम फैसला लिया जाएगा.
इससे पहले 14 नवंबर को शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस ने साझा न्यूनतम कार्यक्रम के तहत महाराष्ट्र में सरकार गठन करने पर सहमति जताई थी. बताया जा रहा है कि महाराष्ट्र में यूपीए गठबंधन (कांग्रेस+एनसीपी) सरकार बनाने के लिए शिवसेना को सपोर्ट करेगा. सीएम पद शिवसेना को दिया जाएगा. जबकि एनसीपी और कांग्रेस को डिप्टी सीएम अथवा अन्य प्रमुख मंत्रालय देने पर विचार है.
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में पिछले महीने हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी और शिवसेना के एनडीए गठबंधन को पूर्ण बहुमत से जीत मिली थी. हालांकि शिवसेना 50-50 फॉर्मुले के तहत सरकार का गठन करने पर अड़ गई. शिवसेना ने बीजेपी से मुख्यमंत्री पद मांगा, जिससे बीजेपी असहमत दिखी और सरकार बनाने में विफलता हाथ लगी.
राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने बीजेपी, शिवसेना और एनसीपी को बारी-बारी से सरकार गठन करने का न्योता दिया. लेकिन कोई भी पार्टी महाराष्ट्र में सरकार बनाने में सफल नहीं हुई जिसके बाद राज्यपाल ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की घोषणा कर दी. हालांकि राष्ट्रपति शासन लगने के बावजूद अभी भी सभी पार्टियों के पास महाराष्ट्र में सरकार बनाने का मौका है.
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