नई दिल्ली। महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शुक्रवार को एक बड़ा दावा किया। उन्होंने कहा कि गिरफ्तार ड्रग डॉन ललित पाटिल शिवसेना-यूबीटी (Shivsena-UBT) का नेता था, जो पहली बार दिसंबर 2020 में पकड़ा गया था लेकिन ड्रग्स के मामले में उससे कभी पूछताछ नहीं हुई।
फडणवीस ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि दिसंबर 2020 में उसकी गिरफ्तारी के बाद उसको 14 दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा गया था, और तुरंत पुणे के ससून अस्पताल में भर्ती करा दिया गया था। फडणवीस ने साथ ही चेतावनी भरे लहजे में कहा कि वह जल्दी ही इस संबंध में कुछ और खुलासे करेंगे क्योंकि जांच चल रही है, और इसके बाद आरोप लगाने वाले सभी लोगों की बोलती बंद हो जाएगी।
उप मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि इसके बाद, सरकार ने उनके स्वास्थ्य से संबंधित अथवा उसे मेडिकल बोर्ड के सामने रखने के लिए कोई आवेदन नहीं किया गया।
उन्होंने कहा कि इसका नतीजा यह हुआ कि आज तक ललित पाटिल से इतने बड़े ड्रग्स भंडाफोड़ मामले में पूछताछ या कोई जांच नहीं की गई। उन्होंने कहा कि चूंकि उस समय पाटिल शिवसेना (यूबीटी) के नासिक शहर का अध्यक्ष था, इसलिए अब यह सवाल उठता है कि क्या ड्रग डॉन को उनकी सियासी स्थिति के कारण विशेष राहत दी गई थी।
डिप्टी सीएम ने सवाल किया कि क्या अधिकारियों पर इस मामले में उनसे पूछताछ नहीं करने का दबाव था, क्या तत्कालीन सीएम (उद्धव ठाकरे) या तत्कालीन गृह मंत्री किसी भी तरह से इस केस में शामिल थे, यह सवाल हैं जो अब उठते हैं।
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