सागर. मध्य प्रदेश में किसानों की मौत के मामले में राज्य सरकार के मंत्री गोपाल भार्गव का आपत्तिजनक बयान सामने आया है. पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री गोपाल भार्गव ने शुक्रवार को कहा कि मौत पर किसी का कंट्रोल नहीं है. यहां तक कि विधायक भी हमेशा जिंदा नहीं रहते उन्हें भी मरना पड़ता है. उन्होंने कहा कि विधायकों के अलावा बिजनेसमैन भी घाटे में जाते हैं तो मौत को गले लगा लेते हैं.
गोपाल भार्गव किसानों की आत्महत्या पर सफाई में उदाहरण देते हुए यहीं नहीं रुके. उन्होंने कहा कि परीक्षा मे फेल हो जाने पर छात्र भी मरते हैं. उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि पिछले चार साल में 10 विधायक मर चुके हैं. क्या मौत पर किसी का वश है? क्या विधायक अजर अमर हैं? हम लोगों को भी टेंशन होती है. लेकिन जिन किसानों ने अपना जीवन खत्म कर लिया उनके साथ हमारी पूरी सहानुभूति है. भार्गव इस समय रहली सीट से विधायक हैं.
विधायकों की मौत को किसानों की मौत से जोड़ने की वजह से मंत्री की आलोचना हो रही है. उन्होंने यह भी कहा था कि लोगों की मौत तनाव के चलते ब्रेन हेमरेज और दूसरे कारणों से हो जाती है, हम सभी यात्राएं करते हैं तो जीवन खतरे में रहता है, लेकिन किसान की मौत पर ही इतनी हाय-तौबा क्यों मची है. मध्य प्रदेश में पिछले 9 सालों में 11,000 किसानों ने आत्महत्या कर ली थी. वहीं 26 लाख किसानों ने सहकारी बैंकों से खेती के लिए कर्ज लिया था. कर्ज ना चुका पाने और फसल खराब होने की वजह से मौत को गले लगा लेते हैं.
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