ऑपिनियन पोल में भाजपा की सरकार से विदाई और कांग्रेस की वापसी की आहट सुनते ही मध्य प्रदेश में कांग्रेस के तीनों बड़े नेता प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ, ज्योतिरादित्य सिंधिया और दिग्विजय सिंह टिकट बंटवारे में भिड़ गए हैं. कांग्रेस चुनाव समिति की बैठक में एमपी कांग्रेस की त्रिमूर्ति का अपने-अपने लोगों को टिकट दिलाने और दूसरे का कटवाने का झगड़ा इतना बढ़ गया कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को बीच-बचाव करना पड़ा. राहुल गांधी ने मध्य प्रदेश चुनाव के लिए टिकट पर कमलनाथ, ज्योतिरादित्य सिंधिया और दिग्विजय सिंह के विवाद को सुलझाने के लिए अशोक गहलोत, अहमद पटेल और वीरप्पा मोइली की कमिटी बना दी है.
नई दिल्ली. मध्य प्रदेश विधानसभा के 28 नवंबर को होने वाले चुनाव के लिए राहुल गांधी की कांग्रेस के उम्मीदवारों की पहली सूची आने में देरी होगी क्योंकि एमपी कांग्रेस के तीनों बड़े नेता प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ, ज्योतिरादित्य सिंधिया और दिग्विजय सिंह अपने-अपने लोगों को टिकट दिलाने और दूसरे के लोगों का टिकट कटवाने के मसले पर कांग्रेस चुनाव समिति की मीटिंग में ही बुरी तरह उलझ गए.
राहुल गांधी ने टिकट वितरण को लेकर मध्य प्रदेश के नेताओं में मतभेद और विवाद सुलझाने के लिए अशोक गहलोत, अहमद पटेल और वीरप्पा मोइली की कमिटी बना दी है. कमिटी पहले विवाद सुलझाएगी और तब जाकर कांग्रेस चुनाव समिति एमपी चुनाव के लिए उम्मीदवारों की सूची जारी कर पाएगी.
सूत्रों का कहना है कि मध्य प्रदेश चुनाव के लिए उम्मीदवारों के नाम पर विचार करने के लिए बुलाई गई कांग्रेस चुनाव समिति की मीटिंग में मध्य प्रदेश में कांग्रेस नेताओं की कमलनाथ, सिंधिया और दिग्विजय की तिकड़ी के बीच झगड़ा इतना बढ़ गया कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को हस्तक्षेप करके मामले को शांत कराना पड़ा.
राहुल की सबसे बड़ी चिंता मध्य प्रदेश में लगातार जीत रही बीजेपी और उसके सीएम शिवराज सिंह चौहान से सत्ता वापस छीनना है. विधानसभा चुनावों पर आ रहे ऑपिनियन पोल और सर्वे में कांग्रेस मजबूत हालत में दिख रही है और अनुमान लगाया जा रहा है कि वो इस बार मध्य प्रदेश में सरकार बना सकती है.
एबीपी न्यूज और सी वोटर के सर्वे में 230 सीटों वाली मध्य प्रदेश विधानसभा में कांग्रेस को 122 सीट और बीजेपी को 108 सीट मिलने का अनुमान जताया गया है. वहीं इंडिया टीवी और सीएनएक्स के सर्वे में मध्य प्रदेश में चौथी बार भी बीजेपी की सरकार बनती दिख रही है जिसमें बीजेपी को 128 और कांग्रेस को 85 सीट मिलने का अनुमान है.
कांग्रेस को भी लग रहा है कि मध्य प्रदेश में मुकाबला कांटे का है इसलिए कोई कोर-कसर ना छोड़ी जाए. ऐसे में पार्टी के तीनों बड़े नेताओं का झगड़ा राहुल गांधी की सबसे बड़ी चुनौती है जिसे सुलझाकर जिताऊ कैंडिडेट्स को टिकट देना ही बीजेपी के कांग्रेस मुक्त भारत अभियान को झटका दे सकता है. विवाद की खबरें बनने पर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने ट्वीट करके कहा, ‘मीडिया में गलत खबरें दिखाई जा रही हैं. ज्योतिरादित्य सिंधिया जी और मेरे बीच किसी तरह का कोई विवाद नहीं हुआ और न ही राहुल गांधी जी को बीच में आना पड़ा. मध्य प्रदेश कांग्रेस में सब एक हैं और हमें राज्य की भ्रष्ट बीजेपी सरकार को हर हाल में हराना है.’
It is being wrongly reported in press that I and Jyotiraditya Scindhia ji had any arguement and Rahul ji had to intervene. All of us in MP Congress are one and determined to defeat the corrupt BJP Govt in MP.
— Digvijaya Singh (@digvijaya_28) November 1, 2018
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