अंजनाद्री पहाड़ियों में हुआ बजरंगबली का जन्म, CM बोम्मई के बयान ने दिया विवाद को निमंत्रण

बेंगलुरु, भगवान हनुमान का जन्म कहां हुआ था…इसे लेकर एक बार फिर बहस छिड़ गई है. और इस बहस को किसी और ने नहीं बल्कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने ही हवा दी है. दरअसल, सीएम बोम्मई ने दावा किया है कि ‘भगवान हनुमान का जन्म अंजनाद्री पहाड़ियों में हुआ था.’ बता दें कि […]

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अंजनाद्री पहाड़ियों में हुआ बजरंगबली का जन्म, CM बोम्मई के बयान ने दिया विवाद को निमंत्रण

Aanchal Pandey

  • August 1, 2022 9:44 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

बेंगलुरु, भगवान हनुमान का जन्म कहां हुआ था…इसे लेकर एक बार फिर बहस छिड़ गई है. और इस बहस को किसी और ने नहीं बल्कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने ही हवा दी है. दरअसल, सीएम बोम्मई ने दावा किया है कि ‘भगवान हनुमान का जन्म अंजनाद्री पहाड़ियों में हुआ था.’ बता दें कि भगवान हनुमान के जन्मस्थान को लेकर अलग-अलग राज्य पहले ही अपने-अपने दावे कर चुके हैं. इससे पहले महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश ने दावा किया था कि भगवान हनुमान का जन्म उनके राज्य यानी महाराष्ट्र और आंध्र में हुआ था.

अंजनाद्री पहाड़ियों में हुआ था हनुमान जी का जन्म

बता दें कि सीएम बोम्मई ने सोमवार को कहा कि, ‘बजरंगबली का जन्म अंजनाद्री पहाड़ियों में हुआ था. किष्किंधा (हम्पी) में इसका प्रमाण है.’ उन्होंने कहा हनुमान यहां पैदा हुए थे, वहां पैदा हुए थे, ये विवादास्पद कथन हो सकते हैं लेकिन मूल रूप से यह वही स्थान था जिस जगह अंजनिपुत्र का जन्म हुआ था. उन्होंने अंजनाद्री हिल्स में ही जन्म लिया था, इसमें कोई भ्रम नहीं है.’

बजरंगबली के जन्मस्थान को लेकर कई दावे

इससे पहले इस मुद्दे पर नासिक में आयोजित एक ‘धर्मसभा’ में भगवान हनुमान के जन्मस्थान को लेकर बहस छिड़ी थी. इस मुद्दे पर किष्किंधा मठधिपति स्वामी गोविंदानंद सरस्वती द्वारा किए गए दावे के मुताबिक, भगवान हनुमान का जन्म किष्किंधा (कर्नाटक) में हुआ था. वहीं पिछले साल अप्रैल 2021 में आंध्र प्रदेश में तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) ने दावा किया था कि अंजनिपुत्र का जन्म तिरुमाला में हुआ था.

मौजूदा तथ्यों के मुताबिक, किष्किंधा में बजरंगबली के जन्मस्थान होने के सबसे ज्यादा प्रमाण मिल रहे हैं. टीटीडी में भी प्रमाण दिए गए हैं, यहां टीटीडी निर्माणकार्य भी शुरू करने वाला था, जिस पर आंध्रप्रदेश हाईकोर्ट ने रोक लगा दी थी.

 

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