लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे सामनें आ गए हैं, जिसमें कई बड़े नेताओं ने चुनाव मेें अपनी किस्मत आजमाई. लोकसभा चुनाव 2024 में कई नेता अपनी पार्टी को छोड़कर दूसरी पार्टियों में शामिल हो गए थे. ऐसे कई नेता हैं जिन्होंने लोकसभा चुनाव से पहले टिकट कटने के कारण भी ऐसा किया था, इसके बावजूद उन्हें हार का मुंह देखनें पड़ा है तो कुछ ऐसे नेता भी हैं जिन्हें पार्टी बदलनें का फायदा मिला और वो चुनाव जीत गए हैं. तो आइए जानते है पार्टी बदलनें वाले नेताओं का प्रदर्शन कैसा रहा है ?
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्तन अमरिंदर सिंह की पत्नी परनीत कौर ने लोकसभा चुनाव 2024 से पहले कांग्रेस छोड़कर बीजेपी शामिल हो गईं थीं. जिन्हें बाद में बीजेपी ने परनीत को ही चुनाव मैदान में उतारा लेकिन उनका इस चुनाव में प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा है. पटियाला सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी धर्मवीर भारती ने जीत दर्ज की और परनीत कौर तीसरे नंबर पर रहीं. जबकि परनीत कौर पटियाला सीट पर साल 2014 में चुनाव भी जीत चुकी हैं. इस बार उनका इस सीट पर तीसरे पायदान पर रहना ये साबित करता है कि पटियाला की जनता ने उन्हें पूरी तरह नकार दिया है.
पंजाब के दिग्गज कांग्रेसी नेता रवनीत सिंह बिट्टू ने लोकसभा 2024 चुनाव से पहले कांग्रेस से पल्टी मारकर बीजेपी का दामन थाम लिया था. बीजेपी ने रवनीत को लुधियाना लोकसभा सीट से अपना उम्मीदवार बनाया था. तो वहीं कांग्रेस ने अमरिंदर सिंह राजा को इस सीट से उतारा था. दोनों ने चुनावी मैदान में जमकर पसीना बहाया लेकिन कांग्रेस प्रत्याशी अमरिंदर सिंह राजा ने बीजेपी प्रत्याशी रवनीत सिंह बिट्टू को बीस हजार के अंतर से हरा दिया.
लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने जलंधर सीट से सुशील कुमार रिंकू को अपना उम्मीदवार बनाया था लेकिन आखिरी वक्त पर वो आप को छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए थे, लेकिन बीजेपी ने भी उन्हें जलंधर सीट से मैदान में उतारा, जिसके बाद शिरोमणि अकाली दल छोड़ आप में शामिल हुए पवन कुमार टीनू को आप ने इस सीट से उम्मीदवार बनाया लेकिन इन दोनों ही प्रत्याशियों की इस सीट पर हार हुई, और कांग्रेस के उम्मीदवार चरणजीत सिंह चन्नी ने इस सीट पर जीत दर्ज की.
लंबे समय तक कांग्रेस का हिस्सा रहे अशोक तंवर ने कांग्रेस छोड़कर ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए थे. लेकिन कुछ समय बाद उन्होंने टीएमसी को छोड़ आम आदमी पार्टी का दामन थामा लेकिन यहां भी ज्यादा समय तक नहीं टिक पाए और बीजेपी में चले गए. लोकसभा चुनाव 2024 के ऐन वक्त पहले बीजेपी में शामिल हुए नेता अशोक तंवर को बीजेपी ने हरियाणा की हिसार सीट से उम्मीदवार बनाया. कांग्रेस की उम्मीदवार कुमारी शैलजा थीं, जिन्होंने दलबदलू नेता अशोक तंवर को 2.68 लाख वोटों के भारी अंतर से हराया.
ऐसा ही कुछ झारखंड में भी हुआ जहां जेएमएम नेता और पार्टी चीफ शीबू सोरेन की बहू सीता सोरेन चुनाव के कुछ वक्त पहले बीजेपी में खिसककर चली गईं थी. बीजेपी ने उन्हें दुमका लोकसभा सीट से अपना उम्मीदवार घोषित किया था. इस सीट पर सीता सोरेन को हार का मुंह देखना पड़ा है.
बिहार की वाल्मीकि नगर सीट से टिकट नहीं मिलने के बाद बीजेपी के नेता दीपक यादव पार्टी को छोड़कर लालू यादव की आरजेडी में शामिल हो गए थे. आरजेडी ने वाल्मीकि नगर सीट से उन्हें अपना उम्मीदवार बनाया था. दीपक यादव को जेडीयू के सुनील कुमार के हाथों हार का सामना करना पड़ा है. सुनील ने दीपक को 98675 वोटों के अंतर से हरा दिया है.
ऐसा ही कुछ मुजफ्फरपुर में भी देखनें को मिला जहां बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए अजय निषाद को इस सीट पर हार का मुंह देखना पड़ा है जहां उन्हें VIP छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए राजभूषण चौधरी से 2.34 लाख वोटों के अंतर से हार का मुंह देखना पड़ा है.
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