मुंबई: महाराष्ट्र में प्रमुख सियासी दलों शिव सेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) में विभाजन ने लोकसभा सीटों के लिए लड़ाई को और ज्यादा दिलचस्प बना दिया है, आम तौर पर बेरोजगारी और किसान आत्महत्या जैसे मुद्दों पर सबका ध्यान रहता है. वहीं महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव पांच चरणों में होगा, इसके लिए 19 अप्रैल, 26 अप्रैल, 7 मई, 13 मई और 20 मई को मतदान होगा. वहीं चार जून को वोटों की गिनती होगी. साल 2019 के चुनाव में भाजपा-शिवसेना गठबंधन ने 48 में से 41 सीटें जीती थीं, लेकिन महाराष्ट्र में विधानसभा चुनावों के बाद भाजपा-शिवसेना का गठबंधन टूट गया था।
वहीं बाल ठाकरे की पार्टी का एक बड़ा हिस्सा टूटकर अब भारतीय जनता पार्टी के साथ गठबंधन कर चुका है. वहीं अजित पवार के सत्तारूढ़ एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गठबंधन में शामिल होने के बाद एनसीपी में भी टूट हो गई. साल 2019 के लोकसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी 23 सीटों के साथ बड़ी पार्टी बनकर उभरी, जिसके बाद अविभाजित शिवसेना 18 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर रही थी।
साल 2019 के लोकसभा में शरद पवार की अविभाजित एनसीपी 4 सीटों पर और कांग्रेस 1 सीट पर जीत कायम की थी, जबकि 1 सीट एआईएमआईएम और 1 सीट निर्दलीय के खाते में गई थी. महाराष्ट्र में आगामी लोकसभा चुनावों में सौ साल से अधिक उम्र के 50 हजार से ज्यादा बुजुर्गों सहित कुल 9.2 करोड़ लोग अपने मताधिकार का उपयोग करने के पात्र हैं. यह आंकड़ा 2019 से 34 लाख अधिक है।
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