नई दिल्ली. भारत में 16 फरवरी से 28 फरवरी 1998 के बीच बारहवें लोकसभा चुनाव हुए. 1998 के लोकसभा चुनाव के लिए तीन चरणों में मतदान हुआ. इस दौरान देश के 25 राज्य और 7 केंद्र शासित प्रदेशों की 543 लोकसभा सीटों पर चुनाव हुए. देशभर में कुल 4,750 प्रत्याशी मैदान में उतरे. 1998 के लोकसभा चुनाव में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला. बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी और अन्य पार्टियों के साथ गठबंधन कर एनडीए की सरकार बनाई. आइए जानते हैं कि लोकसभा चुनाव 1998 में कांग्रेस (INC), भारतीय जनता पार्टी (BJP), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI), समता पार्टी, जनता दल (JD), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPM) और बहुजन समाज पार्टी (BSP) समेत अन्य राजनीतिक दलों को कितनी सीटें मिलीं और उनका वोट शेयर कितना रहा.
लोकसभा चुनाव 1998 में प्रमुख पार्टियां-
1998 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी), बहुजन समाज पार्टी (बसपा), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम), जनता दल, समता पार्टी, ये प्रमुख राष्ट्रीय राजनीतिक पार्टियां रहीं. इनके अलावा करीब 170 अन्य क्षेत्रीय और छोटी पार्टियां थीं. 1998 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने 477, बीजेपी ने 388, बसपा ने 251, जनता दल ने 191, सीपीएम ने 71, सीपीआई ने 58 और समता पार्टी ने 57 लोकसभा सीटों पर प्रत्याशी उतारे.
लोकसभा चुनाव 1998 का वोटिंग प्रतिशत-
1998 के आम चुनाव में भारत में कुल वोटर्स की संख्या 60 करोड़ 58 लाख 80 हजार 192 थी. इस चुनाव में 61.97 प्रतिशत वोटिंग हुई, सबसे ज्यादा लक्षद्वीप में 85.10 प्रतिशत और सबसे कम जम्मू कश्मीर में 44.21 प्रतिशत मतदान हुआ.
लोकसभा चुनाव 1998 रिजल्ट-
1998 में हुए बारहवें आम चुनाव में बीजेपी ने 182, कांग्रेस ने 141, सीपीएम ने 32, समता पार्टी ने 12, सीपीआई ने 9, जनता दल ने 6 और बसपा ने 5 लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज की. इसके अलावा अन्य क्षेत्रीय और छोटी पार्टियां 150 लोकसभा सीटें जीतने में कामयाब रहीं, इनमें तमिलनाडु में अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) ने 18, राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने बिहार में 17, समाजवादी पार्टी (सपा) ने यूपी में 20, तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) ने आंध्र प्रदेश में 12 लोकसभा सीटें जीतीं. साथ ही 6 लोकसभा सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवारों ने बाजी मारी. लोकसभा चुनाव 1998 में कांग्रेस को 25.82, बीजेपी को 25.59, सीपीएम को 5.16, बसपा को 4.67, अन्य क्षेत्रीय और छोटी पार्टियों को 29 फीसदी वोट मिले.
इस चुनाव में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी और एआईएडीएमके, समता पार्टी, बिजु जनता दल (बीजद), शिरोमणी अकाली दल और शिव सेना जैसी क्षेत्रीय पार्टियों के साथ मिलकर सरकार बनाई और अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री बने. 13 महीने बाद एआईएडीएमके ने सरकार से समर्थन वापिस ले लिया और अटल सरकार गिर गई और 1999 में फिर लोकसभा चुनाव हुए.
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