Advertisement
  • होम
  • राजनीति
  • UP Politics: मिशन 80 के लिए बीजेपी अपनाएगी 2022 वाला फार्मूला, जानें क्या है रणनीति

UP Politics: मिशन 80 के लिए बीजेपी अपनाएगी 2022 वाला फार्मूला, जानें क्या है रणनीति

नई दिल्ली। आगामी लोकसभा चुनाव के पहले भाजपा (BJP) ने अपनी 2022 वाली रणनीति दोहराने का मन बनाया है। इस रणनीति के तहत समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party), बहुजन समाज पार्टी (BSP), रालोद (RLD) और कांग्रेस (Congress) में सेंध लगाने के लिए बीजेपी ने तैयारी शुरू कर दी है। जिला और प्रदेश स्तर पर प्रभावी नेताओं […]

Advertisement
UP Politics: मिशन 80 के लिए बीजेपी अपनाएगी 2022 वाला फार्मूला, जानें क्या है रणनीति
  • November 23, 2023 2:12 pm Asia/KolkataIST, Updated 1 year ago

नई दिल्ली। आगामी लोकसभा चुनाव के पहले भाजपा (BJP) ने अपनी 2022 वाली रणनीति दोहराने का मन बनाया है। इस रणनीति के तहत समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party), बहुजन समाज पार्टी (BSP), रालोद (RLD) और कांग्रेस (Congress) में सेंध लगाने के लिए बीजेपी ने तैयारी शुरू कर दी है। जिला और प्रदेश स्तर पर प्रभावी नेताओं की लिस्ट तैयार की जा रही है। इसके तहत पार्टी के बड़े नेताओं ने विपक्षी दलों के प्रभावशाली नेताओं को भाजपा में शामिल कराने के लिए उनको चिन्हित कर उनकी एक लिस्ट बनाने की रणनीति बनाई है।

इस बार भी चलेगा 2022 वाला फार्मूला

भाजपा ने साल 2022 में विपक्षी दलों में साइड लाइन हो चुके नेताओं को अपने साथ लाने का प्लान बनाया था, इसी के तहत अपर्णा यादव, राकेश सचान जैसे विपक्षी दलों के बड़े नेताओं को भाजपा में शामिल करवाया गया था। राकेश सचान को पार्टी से चुनाव भी लड़वाया गया और इसके बाद उनको कैबिनेट में मंत्री भी बनाया गया। भारतीय जनता पार्टी एक बार फिर से 2024 के चुनाव से पहले सभी 80 लोकसभा सीटों पर दूसरे दलों के साइड लाइन नेताओं की लिस्ट तैयार करवा रही है, जिनका अपने क्षेत्र में वजूद है और जिनके भाजपा में शामिल होने पर पार्टी को फायदा हो सकता है।

प्रदेश स्तर पर हुई बैठक में बनी रणनीति

बीजेपी के प्रदेश मुख्यालय पर हुई बैठक में प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी, महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह ने एक समिति के प्रस्ताव पर अपनी मोहर लगाते हुए कहा कि अन्य पार्टियों में साइड लाइन मजबूत नेताओं को पार्टी में शामिल किया जाए। पिछले दिनों प्रदेश स्तर पर एक समिति का गठन किया गया था, उसी कमेटी के प्रस्ताव पर प्रदेश के प्रमुख नेताओं ने अपनी संस्तुति दी। ऐसे नेताओं की सूची बनाने की जिम्मेदारी जिलाध्यक्षों को दी गई है।

Advertisement