Lok Sabha 2019 Elections: व्हाट्सएप और फेसबुक पर फेक न्यूज से लड़ा जाएगा 2019 का लोकसभा चुनाव, Times रिपोर्ट

Lok Sabha 2019 Elections: देश के सभी राजनीतिक दलों ने लोकसभा चुनाव 2019 तैयारी जोरों शोरों से शुरू कर दी है. बीजेपी, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी समेत सभी राजनीतिक दल अपना एजेंडा फैलाने के लिए सोशल मीडिया फेसबुक और व्हाट्सएप का जमकर इस्तेमाल कर रहे हैं. टाइम मैगजीन का दावा है कि कई बार इन ग्रुप्स में फेक न्यूज फैलाई जाती हैं जो चुनाव से पहले लोगों की विचारधारा पर असर डाल सकता है.

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Lok Sabha 2019 Elections: व्हाट्सएप और फेसबुक पर फेक न्यूज से लड़ा जाएगा 2019 का लोकसभा चुनाव, Times रिपोर्ट

Aanchal Pandey

  • January 26, 2019 7:19 pm Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

नई दिल्ली. लोकसभा 2019 चुनाव का ऐलान एक-दो महीने में हो जाएगा. सभी पार्टियों ने इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं. बीजेपी, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी जैसे राजनीतिक दल व्हाट्सएप और फेसबुक के जरिए अपना एजेंडा फैला रही हैं. कई बार इनमें फेक न्यूज भी होती हैं. बीजेपी आईटी सेल तो 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले देश के 927533 बूथ पर हर बूथ के लिए कम से कम तीन व्हाट्सएप ग्रुप बनाने के एक्शन प्लान पर काम कर रही है. कांग्रेस और दूसरी पार्टी भी ऐसे ग्रुप्स बना रही हैं लेकिन उनका स्केल बीजेपी की तैयारी के सामने कुछ भी नहीं है. ऐसा लगता है कि 2019 का चुनाव रैली, सभा, पोस्टर, होर्डिंग के साथ-साथ सोशल मीडिया के पॉपुलर प्लेटफॉर्म व्हाट्सएप और फेसबुक पर भी लड़ा जाएगा. यह दावा किया है मशहूर टाइम मैगजीन ने.

भारत में व्हाट्सएप के 200 मिलियन से ज्यादा एक्टिव यूजर्स हैं और यह आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है. अगर बीजेपी की बात करें तो हर बूथ पर तीन व्हाट्सएप ग्रुप बनाने की तैयारी चल रही है. एक व्हाट्सएप ग्रुप में 256 लोगों को जोड़ा जा सकता है. ऐसे में भारत की कुल 1.3 बिलियन जनसंख्या में से 700 मिलियन लोगों तक उनकी पहुंच होगी. साल 2014 में सिर्फ 21 प्रतिशत भारतीयों के पास स्मार्टफोन था, जो अब बढ़कर 39 प्रतिशत हो गया है. बीजेपी आज दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी है, जिसके 10 करोड़ सदस्य 2015 में बन गए थे और आज इसकी तादाद कहीं ज्यादा है. ऐसे में अगर कोई संदेश सदस्यों के बीच फॉर्वर्ड होता है तो वह बहुत तेजी से फैलेगा और उतना ही तेज प्रभाव भी डालेगा.

Lok Sabha 2019 Elections

देखिए इसी तरह के ग्रुप का एक फोटो

टाइम ने जनवरी में इन ग्रुप की चैट्स पढ़ीं तो उसमें फर्जी और भड़काऊ जानकारियां, और नफरत भरे संदेश थे. ये ज्यादातर फॉर्वर्ड संदेश थे. विशेषज्ञों का कहना है कि बीजेपी ने इस ट्रेंड को बढ़ावा दिया लेकिन अब अन्य विपक्षी पार्टियां भी वही कर रही हैं. अब व्हाट्सएप पर एक बार में 5 ही मैसेज फॉर्वर्ड किए जा सकते हैं, दुनिया के लिए इसका ऐलान कंपनी ने सोमवार को किया. जबकि भारत में अफवाहों के चलते हुई मॉब लिंचिंग के कारण इसे पिछले साल जुलाई में लागू किया जा चुका है.

टाइम ने बीजेपी के एक पूर्व कर्मचारी से बात की. उसने आरोप लगाया कि पार्टी ने मतदाताओं को स्थान, सामाजिक स्थिति और उम्र के हिसाब से अलग-अलग ग्रुप चैट्स में जोड़ा है. इसमें धर्म और जाति के नाम पर भड़काऊ रणनीति भी शामिल है. इस शख्स ने यह भी कहा कि बीजेपी किसी गैरकानूनी गतिविधि में शामिल नहीं है. यूपी विधानसभा 2017 चुनाव के वक्त यह शख्स बीजेपी आईटी सेल का हिस्सा था. उस वक्त जाति को देखकर व्हाट्सएप ग्रुप बनाए गए थे और उनमें संदेश खास जाति को लेकर भेजे जाते थे. इस वजह से वोटों में 26 प्रतिशत का स्विंग आया और बीजेपी सत्ता में आ गई. हाल ही में फेसबुक ने कहा था कि वह चुनावों को लेकर अपने नियम और सख्त करेगा. फेसबुक ने बयान में कहा था कि भारत जैसे देशों में जहां आम चुनाव होने हैं, वहां राजनीतिक विज्ञापनों के लिए नियम सख्त किए जाएंगे. कंपनी ने कहा कि विज्ञापनों में पारदर्शिता लाने का काम पहले से ही चल रहा है.

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