एक देश, एक चुनाव पर विधि आयोग यानी लॉ कमीशन ने 171 पेज की रिपोर्ट में सिफारिश की है कि देश में संवैधानिक बदलावों के जरिए एक साथ चुनाव कराए जा सकते हैं. आयोग ने रोडमैप देते हुए कहा है कि 2019 में लोकसभा चुनाव के साथ 12 राज्यों के चुनाव एक साथ कराए जा सकते हैं और 2021 में 16 राज्यों के चुनाव एक साथ कराए जा सकते हैं.
नई दिल्लीः केंद्रीय विधि आयोग (लॉ कमीशन) ने गुरुवार को ‘एक देश एक चुनाव’ के मुद्दे पर 171 पेज की अपनी ड्राफ्ट रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है. लॉ कमीशन ने अपनी रिपोर्ट में देश में एक साथ लोकसभा और विधानसभा चुनाव कराए जाने की अनुशंसा की है. आयोग ने सरकार को सुझाव दिया है कि अगर देश में एक साथ लोकसभा और विधानसभा चुनाव कराने हैं तो उसके लिए पहले संविधान में मामूली बदलाव करने होंगे. बदलाव के बगैर यह हरगिज मुमकिन नहीं है.
लॉ कमीशन ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, एक साथ चुनाव आदर्श और वांछनीय होंगे लेकिन इसके लिए संविधान में संशोधन करना होगा. संविधान में कोई कामगार फार्मूला मुहैया कराना होगा. पैनल ने कहा है कि हितधारकों के साथ इस मुद्दे पर और बहस की जरूरत है क्योंकि कई इसमें कांप्लेक्स मुद्दे शामिल हैं. इसी कारण इस मुद्दे पर आगे बहस और जांच की जरूरत है ताकि सरकार को सिफारिश भेजी जा सके.
कमीशन ने कहा कि संवैधानिक संशोधन आधे राज्यों में एक साथ चुनाव के लिए जरूरी नहीं है. 12 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश के चुनाव 2019 के आम चुनावों के साथ कराए जा सकते हैं. वहीं 2021 के अंत तक 16 राज्यों और पुडुचेरी के चुनाव आयोजित किए जा सकते हैं. अगर ऐसा होता है तो इसके परिणामस्वरूप भविष्य में पांच साल की अवधि में देश में केवल दो बार चुनाव होंगे. अगर एक साथ चुनाव करने के कुछ कारणों के लिए यह संभव नहीं है तो एक कैलेंडर वर्ष में होने वाले सभी चुनाव एक साथ आयोजित किए जा सकते हैं.
‘एक देश एक चुनाव’ पर विधि आयोग की रिपोर्ट को लॉ कमीशन की साइट पर पढ़ें.
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