पटना: इस समय बाहुबली नेता और पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई से बिहार की सियासत गरमाई हुई है. जहां केंद्रीय राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने इस रिहाई को लेकर लालू-नीतीश पर निशाना साधा है. गुरुवार (27 अप्रैल) को बक्सर में केंद्रीय मंत्री ने कहा है कि 15 साल पहले लालू प्रसाद यादव और […]
पटना: इस समय बाहुबली नेता और पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई से बिहार की सियासत गरमाई हुई है. जहां केंद्रीय राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने इस रिहाई को लेकर लालू-नीतीश पर निशाना साधा है. गुरुवार (27 अप्रैल) को बक्सर में केंद्रीय मंत्री ने कहा है कि 15 साल पहले लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार ने जिस आनंद मोहन को जितना सताया आज उतना ही घड़ियाली आंसू बहा कर क्या कर रहे हैं?
केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने आगे कहा कि जिस उम्र में वह राजनीति कर रहे थे, उस उम्र में उनकी राजनीतिक हत्या कर दी गई. उनको जेल में डाल दिया गया. आनंद मोहन को अपराधी घोषित कर दिया गया और उन्हें सजा दिलाई गई. अब उसी आनंद मोहन का ये लोग राजनीतिक रोटी सेंकने के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं. लेकिन इनसे कुछ भी नहीं होने वाला है. आगे केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जवानी में आनंद मोहन बिहार किसी विशेष कारण के रहे जहां उन्होंने खुद कोई हत्या नहीं की थी. तुष्टिकरण के तहत लालू के दबाव में यह सब काम किया गया.
आगे केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे कहते हैं कि मैं जानना चाहता हूं कि आनंद मोहन को किसने सजा दिलाई और सजा दिलाने में किनका योगदान है और किन लोगों ने इस पूरे घटनाक्रम का षड्यंत्र रचा। उन्होंने आगे कहा कि वह षड्यंत्रकारी अगर कोई है तो लालू प्रसाद और नीतीश कुमार ही हैं.
वहीं अश्विनी चौबे ने गोपालगंज के तत्कालीन डीएम की मौत पर कहा कि आखिर इस मामले जिलाधिकारी की क्या गलती थी? ये पूरी घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण थी, लेकिन जिस प्रकार से जो हत्यारे थे वह गिरफ्तार होते. कहीं से कहीं तक इस मामले में उकसाने की बात नहीं बनती है. जिस प्रकार इस पूरे मामले में आनंद मोहन जवानी में जेल चले गए उसका हिसाब कौन देगा? आगे उन्होंने अपने बयान के संबंध में कहा कि मैं न्यायालय के निर्णय पर टिप्पणी नहीं कर रहा हूं.
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