नई दिल्ली. लोकसभा में जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल 2019 पर बहस के दौरान लद्दाख से जामयांग त्सेरिंग नामग्याल ने विपक्ष को करारा जवाब दिया. जामयांग त्सेरिंग ने सदन में कहा कि अब तक जम्मू-कश्मीर में सिर्फ दो परिवारों ने राज किया. उन्होंने लद्दाख क्षेत्र में बुद्धिज्म को खत्म करने की पूरी कोशिश की. जामयांग त्सेरिंग ने पीपल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट और नेशनल कॉन्फ्रेंस पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि इन पार्टियों के नेताओं ने लद्दाख का बंटवारा कर दिया. लद्दाख को इस्लाम और बुद्धिज्म में बांट दिया. मुस्लिमों के लिए करगिल और बुद्धों के लिए लेह जिला बना दिया था. जामयांग त्सेरिंग ने कहा कि पूरे लद्दाख की जनता चाहती है कि जम्मू-कश्मीर से धारा 370 खत्म हो और लद्दाख को अलग से केंद्र शासित प्रदेश बनाया जाए. मुस्लिम बाहुल्य करगिल जिले के भी 70 फीसदी लोग लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाने के समर्थन में हैं. लद्दाख बीजेपी सांसद के भाषण की लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने भी तारीफ की.
लद्दाख लोकसभा सीट से बीजेपी सांसद जामयांग त्सेरिंग नामग्याल ने सदन में कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने अपने मेनिफेस्टो में लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाने का वादा किया था. चुनाव प्रचार के दौरान पार्टी के लोगों ने करगिल और लेह में हर घर पर जाकर केंद्र शासित प्रदेश के बारे में समझाया था. लोगों ने बीजेपी पर विश्वास किया और पार्टी को वहां से जीत दिलाई.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जामयांग त्सेरिंग नामग्याल की जी खोलकर तारीफ
उन्होंने कहा कि लेह-लद्दाख और करगिल के इस्लाम, बुद्धिज्म और हिंदू धार्मिक संगठनों ने लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाने की मांग की थी. साथ ही पीडीपी, एनसी समेत सभी राजनीतिक पार्टियों ने भी इस पर सहमति जताई थी. बाद में पीडीपी और एनसी के जिन क्षेत्रीय नेताओं ने लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाने के मेमोरेंडम पर हस्ताक्षर किए उन्हें कश्मीर से पार्टी से निकाला देने के आदेश जारी कर दिए. ये लोकतंत्र नहीं है.
सांसद जामयांग त्सेरिंग ने सदन में कहा कि अब तक लद्दाख में विकास नहीं होता था. पूरे लद्दाख का फंड कश्मीर के मुलाजिम खा जाते थे. लद्दाख के लोगों के साथ भेदभाव होता रहा है. जम्मू-कश्मीर राज्य के सरकारी कार्यालयों में लद्दाख से गिने-चुने लोग काम करते हैं. यहां के लोगों को मौका ही नहीं दिया जाता है.
पूर्व की सरकारों ने लद्दाख के साथ किया दोगला व्यवहार- जामयांग त्सेरिंग
केंद्र में शासन कर चुकी कांग्रेस सरकार ने भी लद्दाख के साथ दोगला व्यहार किया है. कश्मीर में सेंट्रल यूनिवर्सिटी खोली गई. जम्मू में भी लोगों ने लड़कर सेंट्रल यूनिवर्सिटी खुलवा दी लेकिन लद्दाख में एक भी उच्च शिक्षण संस्थान नहीं था. जब केंद्र में मोदी सरकार बनी तो लद्दाख में उच्च शिक्षण संस्थान खुल पाया है.
उन्होंने कहा कि कश्मीर और जम्मू में बोली जाने वाली भाषाओं को राज्य में मान्यता दी गई लेकिन लद्दाख क्षेत्र की भाषा को मान्यता नहीं मिली. साथ ही जो लोग धारा 370 हटाए जाने पर अब समानता और धर्म निरपेक्षता के सवाल कर रहे हैं वे ये बताएं कि जब कश्मीरी पंडितों को धारा 370 का फायदा उठाकर राज्य से बाहर निकाला जा रहा था तब आपकी समानता कहां गई थी.
जामयांग त्सेरिंग ने कहा कि जिन परिवारों ने जम्मू-कश्मीर पर इतने सालों तक राज किया उन्होंने 1979 में लद्दाख का बंटवारा कर दिया था. मुस्लिम को करगिल और बुद्धों को लेह जिले में बांट दिया. क्या यह उनकी धर्म निरपेक्षता है?
जो लोग जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल का विरोध कर रहे हैं वो आज भी कश्मीर को अपने बाप की जागीर समझते हैं- जामयांग
उन्होंने कहा कि लेह-लद्दाख के साथ ही करगिल के भी 70 प्रतिशत लोग जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल 2019 का समर्थन करते हैं. 2011 में ही लद्दाख ऑटोनोमस हिल काउंसिल ने जम्मू-कश्मीर के झंडे को नकार कर तिरंगे को अपना लिया था. जो अभी कश्मीर के मुद्दे का ढिंढोरा पीट रहे हैं वे लोग समस्या का समाधान नहीं चाहते हैं. वे कश्मीर को आज भी अपने बाप की जागीर समझ रहे हैं जो कि अब नहीं रही है.
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