Advertisement

भगोड़े विजय माल्या और अरुण जेटली की मुलाकात पर भाजपा, कांग्रेस, आप और विपक्ष के झगड़े की 10 बड़ी बातें

किंगफिशर एयरलाइंस के भगोड़े मालिक विजय माल्या के एक बयान ने भारत की राजनीति में तूफान ला दिया है. सत्तारूढ़ बीजेपी जहां माल्या के आरोपों को बेबुनियाद बता रही है तो कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (AAP) माल्या को देश से भगाने के लिए मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहरा रही है. विपक्षी दलों ने इस पूरे विवाद की परिधि में खड़े वित्त मंत्री अरुण जेटली के इस्तीफे की मांग की है. इन 10 बड़ी बातों से अब इस पूरे विवाद को समझने की कोशिश करते हैं.

Advertisement
भगोड़े विजय माल्या और अरुण जेटली की मुलाकात पर भाजपा, कांग्रेस, आप और विपक्ष के झगड़े की 10 बड़ी बातें
  • September 13, 2018 5:47 pm Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

नई दिल्ली. किंगफिशर एयरलाइंस के भगोड़े मालिक विजय माल्या के लंदन भागने से दो दिन पहले संसद परिसर में वित्त मंत्री अरुण जेटली से मुलाकात की बात पर कांग्रेस और भाजपा के बीच राजनीतिक महासंग्राम छिड़ गया है. आप समेत दूसरे विपक्षी दल भी माल्या के विदेश भागने में नरेंद्र मोदी सरकार पर मदद का आरोप लगाकर अरुण जेटली से इस्तीफा मांग रहे हैं. कैसे शुरू हुआ जेटली और माल्या की मुलाकात का ताजा विवाद और अब तक इस पर किसने क्या कहा है ये 10 बड़ी बातों से समझते हैं.

1. लंदन में पिछले साल अप्रैल में गिरफ्तारी के बाद जमानत पर चल रहे विजय माल्या के भारत प्रत्यर्पण की अपील पर कोर्ट सुनवाई के दौरान मीडिया से बातचीत में माल्या ने कहा कि वो 2 मार्च, 2016 को भारत छोड़ने से पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली से मिले थे और बैंकों से बकाया कर्ज सेट्लमेंट करने का ऑफर दिया था. माल्या के इस बयान पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी समेत विपक्षी दलों ने माल्या के भागने में मदद का आरोप जेटली पर लगाकर उनका इस्तीफा मांगा. माल्या ने विवाद बढ़ता देख सफाई दी और कहा कि वो संसद में कई नेताओं से सेट्लमेंट के ऑफर की बात करते थे और जेटली भी उनमें एक थे. माल्या ने सफाई में ये भी कहा कि संसद में आते-जाते जेटली से उनकी मुलाकात हुई थी जिसमें उन्होंने उनसे कहा था कि वो लंदन जाने वाले हैं और बैंकों से कर्ज सेटलमेंट की बात कराने में मदद चाहते हैं.

2. लंदन भागने से पहले जेटली से मिलने के माल्या के बयान पर अरुण जेटली ने फेसबुक पोस्ट लिखकर साफ किया कि संसद के गलियारे में माल्या दौड़ते हुए उनके पास आए थे और कहा था कि वो सेटलमेंट करना चाहते हैं जिस पर मैंने उनसे साफ-साफ कह दिया कि ये सारी बातें वो उन बैंकों से करें जिनका कर्ज उन पर है. जेटली ने स्पष्ट कहा कि एक सांसद के तौर पर संसद परिसर में अपनी बेरोकटोक पहुंच का दुरुपयोग करके माल्या उनका पीछा करते हुए तेजी से आए थे लेकिन उन्होंने उनको झिड़क दिया. जेटली ने कहा कि उन्होंने 2014 में मंत्री बनने के बाद से माल्या को कभी मिलने का कोई समय नहीं दिया.

3. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट और फिर प्रेस कॉन्फ्रेंस करके आरोप लगाया है कि विजय माल्या और अरुण जेटली की मुलाकात भागमदौड़ वाली नहीं थी बल्कि दोनों ने इत्मीनान से 15 मिनट तक बात की. राहुल गांधी ने कहा कि विजय माल्या ने जब अरुण जेटली को बताया कि वो लंदन जा रहे हैं तो वित्त मंत्री ने सीबीआई या ईडी जैसी जांच एजेंसी को क्यों नहीं बताया और माल्या को दो दिन बाद लंदन भागने दिया. राहुल ने ये भी कहा कि सीबीआई ने विजय माल्या को देश छोड़ने से रोकने वाले लुक आउट नोटिस में ब्लॉक नोटिस को रिपोर्ट नोटिस में बदल दिया जिसके कारण वो देश छोड़कर भाग सका. गिरफ्तारी नोटिस को इन्फार्म नोटिस में किसने बदला? ये काम वही कर सकता है जो सीबीआई को कंट्रोल करता है. सीबीआई ने विदेश जाने से रोकने वाले नोटिस को विदेश जाने पर बताने वाला नोटिस किसके कहने पर किया. राहुल गांधी ने विजय माल्या को विदेश भागने में मदद करने का आरोप लगाते हुए अरुण जेटली से इस्तीफा देने की मांग की है.

4. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद सांसद पीएल पुनिया ने कहा कि उन्होंने संसद के सेंट्रल हॉल में जेटली और माल्या को पहले एक कोने में 5-6 मिनट बात करते देखा फिर दोनों एक बेंच पर बैठकर बात किए जो कुल मिलाकर करीब 15 मिनट तक चली. पुनिया ने कहा कि 1 मार्च, 2016 को जेटली और माल्या की ये मुलाकात हुई थी और उन्होंने अपनी आंखों से इसे देखा है. पुनिया ने कहा कि सीसीटीवी में ये सब कैद होगा और अगर कोई उन्हें गलत साबित कर दे तो वो इस्तीफा देने को तैयार हैं. राहुल गांधी ने अरुण जेटली पर झूठ बोलने का आरोप लगाते हुए कहा कि पहले जेटली कह रहे थे कि वो कभी माल्या से नहीं मिले, अब कह रहे हैं कि चलते-फिरते बात हुई. राहुल गांधी ने कहा कि सरकार में सारे फैसले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लेते हैं. अरुण जेटली बताएं कि माल्या को उन्होंने भागने दिया या इसका आदेश प्रधानमंत्री ने दिया था.

5. अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने भी विजय माल्या से मुलाकात पर अरुण जेटली को घेरते हुए उनका इस्तीफा मांगा. आप प्रवक्ता दिलीप पांडेय ने कहा कि जब विजय माल्या को कर्नाटक से राज्यसभा चुनाव में जिताने के लिए भाजपा ने समर्थन दिया था तब अरुण जेटली ही कर्नाटक के प्रभारी थे. आप ने कहा कि जेटली और माल्या के बीच खिचड़ी पक रही थी और डील था. पांडेय ने कहा कि अरुण जेटली को देश के नाम माफीनामा लिखकर विजय माल्या को भगाने के लिए माफी मांगनी चाहिए और अपने कर्तव्य के निर्वहन में नाकाम रहने के लिए इस्तीफा देना चाहिए.

6. इस मामले में कांग्रेस तो बीजेपी पर हमलावर है ही लेकिन अब बीजेपी के भीतर भी जेटली के विरोध में सुर उठने लगे हैं. दरअसल बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने दो ट्वीट कर वित्त मंत्री पर निशाना साधा है. स्वामी ने ट्वीट किया, ‘माल्या के देश से भागने से जुड़े अब दो तथ्य हमारे सामने आ रहे हैं, जिससे कोई इनकार नहीं कर सकता. पहला ये कि 24 अक्टूबर, 2015 को माल्या के खिलाफ जारी लुकआउट नोटिस को ‘ब्लॉक’ से ‘रिपोर्ट’ में बदला गया. जिसकी मदद से वह 54 लगेज आइटम्स लेकर देश छोड़ने में सफल रहे. दूसरा ये कि विजय माल्या ने संसद के सेंट्रल हॉल में वित्त मंत्री को बताया था कि वह लंदन के लिए रवाना हो रहे हैं.’

7. भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के आरोप पर पलटवार करते हुए कहा कि विजय माल्या के किंगफिशर को डिफाल्टर होने के बाद भी मनमोहन सिंह सरकार और पी चिदंबरम से लोन दिलवाने वाली पार्टी के अध्यक्ष राहुल गांधी को ये सवाल पूछने का हक नहीं है. भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि कभी-कभी तो लगता है कि किंगफिशर एयरलाइंस का मालिक विजय माल्या नहीं असल में राहुल गांधी का परिवार था. संबित पात्रा ने जेटली और माल्या की भेंट पर कहा कि संसद के गलियारे में किसी का चेहरा देखना अगर गुनाह है तो मनमोहन सिंह और पी चिदंबरम के कमरे में बैठकर लोन पास कराना कौन सा पुण्य का काम था. पात्रा ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी के नेशनल हेराल्ड केस का जिक्र करते हुए यंग इंडिया कंपनी के जरिए 5000 करोड़ के गबन का आरोप लगाया.

8. केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने विजय माल्या और अरुण जेटली की मुलाकात पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के सवाल पर पलटवार में कहा कि राहुल गांधी और विजय माल्या में तालमेल है तभी तो राहुल गांधी के लंदन जाने के बाद माल्या ने ये बात कही है. रविशंकर प्रसाद ने कहा कि यूपीए सरकार के दौरान बैंकों से कर्ज लेने वाले विजय माल्या को कांग्रेस और राहुल गांधी बचाना चाहती है. रविशंकर प्रसाद ने कहा कि 1947 से 2008 तक बैंकों ने 18 लाख करोड़ लोन दिया था जो मात्र 6 साल में 2014 तक 52 लाख करोड़ हो गया. ये पूरा कार्यकाल मनमोहन सिंह का था.

9. सीबीआई ने 16 अक्टूबर, 2015 को विजय माल्या के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया था. नोटिस को हल्का करने के लिए इसे 24 नवंबर को ‘रिपोर्ट नोटिस’ में तब्दील कर दिया गया. इसका मतलब यह है कि अगर माल्या विदेश जाता है तो उसे पकड़ा न जाए बल्कि सिर्फ इसकी सूचना दी जाए. नवंबर और दिसंबर 2015 में माल्या दो बार विदेश भी गया. वह सीबीआई के सामने पेश भी हुआ. अब सीबीआई का इस पूरे विवाद पर कहना है कि माल्या के खिलाफ जो पहला लुकआउट नोटिस जारी किया गया था, वह एक गलती था. 9, 10 और 11 दिसंबर को विजय माल्या से पूछताछ की गई थी. सीबीआई को इस बात का जरा भी अंदाजा नहीं था कि वह देश छोड़कर भाग सकते हैं.

10. विजय माल्या पर बैंकों से 9000 करोड़ के कर्ज में धोखाधड़ी और मनी लाउंड्रिंग का केस चल रहा है जिसमें गिरफ्तारी से बचने के लिए वो मार्च, 2016 में लंदन चले गए थे. पिछले साल अप्रैल में माल्या को लंदन में गिरफ्तार किया गया था लेकिन कोर्ट ने उनको जमानत दे दी. अभी लंदन कोर्ट में उनके भारत प्रत्यर्पण केस की सुनवाई चल रही है. माल्या भारत नहीं आना चाहते और बार-बार अपनी जब्त संपत्ति को बेचकर बैंकों का पैसा चुकाने की बात कर रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ लंदन कोर्ट ने माल्या को भारत भेजने पर रखे जाने वाले जेल की सुविधाओं की डिटेल ली है जिससे लगता है कि दिसंबर में अगली सुनवाई पर माल्या को भारत भेजने का फैसला लंदन कोर्ट दे सकता है.

विजय माल्या से मुलाकात पर कांग्रेस और AAP ने कहा- डील क्या है मोदी जी, अरुण जेटली इस्तीफा दें

 

Tags

Advertisement