खतौली. यूपी के खतौली विधानसभा उपचुनाव के रण में रालोद दो ऐसे फॉर्मूलों पर काम कर रही है जो तेजी से चल रहे भाजपा के विजय रथ को रोक सके, खतौली से भाजपा के विधायक रहे विक्रम सैनी की सदस्यता रद्द होने के बाद से ही इन दोनों फॉर्मूलों पर काम किया जा रहा है. […]
खतौली. यूपी के खतौली विधानसभा उपचुनाव के रण में रालोद दो ऐसे फॉर्मूलों पर काम कर रही है जो तेजी से चल रहे भाजपा के विजय रथ को रोक सके, खतौली से भाजपा के विधायक रहे विक्रम सैनी की सदस्यता रद्द होने के बाद से ही इन दोनों फॉर्मूलों पर काम किया जा रहा है. चूंकि निकाय चुनाव आने को है और मिशन 2024 भी नज़दीक है, ऐसे में रालोद मुखिया जयंत चौधरी और सपा संरक्षक अखिलेश यादव ऐसा दांव चलना चाहते हैं जो दोनों चुनावों में बड़ा प्रभाव डाले. ऐसे में, सपा और आरएलडी ने खतौली से मदन भैया को मैदान में उतारा है.
इससे पहले राष्ट्रीय लोकदल ने 62 वर्षीय मदन भैया को विधानसभा चुनाव 2022 में गाजियाबाद की लोनी विधानसभा सीट से सपा-रालोद गठबंधन से प्रत्याशी बनाया गया था, दबंग छवि के मदन भैया 12वीं तक ही पढ़े हुए हैं, इनके खिलाफ पांच आपराधिक मामले भी दर्ज हैं. मदन भैया का कहना है कि अगर मेरा दबंग होना किसी के हित में है तो मेरे लिए दबंग होना बुरा नहीं है.
दबंग और बाहुबली छवि वाले मदन भैया को प्रत्याशी बनाने का संकेत जयंत चौधरी ने बीते दिनों अपने बागपत के दौरे में ही दे दिया था, खतौली विधानसभा सीट पर पांच दिसंबर को उपचुनाव के लिए मतदान किया जाएगा, यहां पर भी भाजपा तथा राष्ट्रीय लोकदल में सीधा मुकाबला देखने को मिलने वाला है. बसपा और कांग्रेस उप चुनाव में अपने प्रत्याशी नहीं उतारने वाले हैं जबकि समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल के बीच में गठबंधन हो गया है. मदन भैया गुर्जर बिरादरी से ताल्लुक रखते हैं. इस सीट पर उपचुनाव को लेकर जयंत चौधरी भी प्रचार के लिए मैदान में उतरे हैं.