कासगंजः उत्तर प्रदेश का कासगंज पिछले 4 दिनों से हिंसा की चपेट में झुलस रहा है. कासगंज प्रशासन स्थिति पर काबू पाने के तमाम दावे कर रहा है उसके बावजूद हालात सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मंगलवार को एक बार फिर यहां धार्मिक स्थल में तोड़फोड़ की खबर मिली है. जिसके बाद सांप्रदायिक तनाव गहराने की आशंका व्यक्त की जा रही है. हालांकि जैसे ही पुलिस को इसकी जानकारी मिली, मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती कर दी गई है. पुलिस ने तत्काल मौके पर पहुंच स्थिति को नियंत्रण में ले लिया है.
मिली जानकारी के अनुसार, ताजा मामला कासगंज के अमनपुर इलाके का है. मंगलवार को यहां स्थित धार्मिक स्थल में तोड़फोड़ की घटना सामने आई है. तोड़फोड़ की घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए. आनन-फानन में पुलिस की कई टीम मौके पर पहुंचीं और स्थिति पर नियंत्रण कर लिया. फिलहाल हालात काबू में हैं. बताते चलें कि सोमवार रात भी मालगोदाम रोड स्थित एक दुकान में अराजक तत्वों द्वारा आग लगाए जाने से एक बार फिर तनाव की स्थिति पैदा करने की कोशिश की गई थी. पुलिस और दमकल विभाग ने मौके पर पहुंच आग पर काबू पाया था.
गौरतलब है कि कासगंज में गणतंत्र दिवस के दिन तिरंगा यात्रा के दौरान दो समुदायों में विवाद हो गया था. दोनों ओर से पत्थरबाजी और आगजनी की गई. इस विवाद में चंदन गुप्ता नामक युवक की गोली लगने से मौत हो गई थी. जिसके बाद विवाद गहराया और कासगंज बुरी तरह हिंसा की चपेट में आ गया. कासगंज मामले में राजनीति भी जारी है. विपक्ष कानून-व्यवस्था को लेकर योगी सरकार पर नाकाम होने के आरोप लगा रहा है. यूपी के सियायतदानों की नजर कासगंज पर बनी हुई है. यूपी के डीजीपी ओ.पी. सिंह ने कासगंज हिंसा को लेकर सभी जिलों के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने का निर्देश जारी किया है. साथ ही संवाद के जरिए दोनों पक्षों में सुलह कराए जाने की कोशिश का भी निर्देश दिया गया है.
डीजीपी ने जारी बयान में कहा है कि हर ऐसे मामले पर जिला पुलिस प्रशासन नजर रखें, जिनके कारण सांप्रदायिक तनाव की स्थिति बन सकती है. संबंधित मामले को गंभीरता से लेते हुए वरिष्ठ पुलिस अधिकारी खुद मौके पर रहें. सांप्रदायिक तनाव की स्थिति में दोषियों के खिलाफ फौरन कार्रवाई की जाए. संवेदनशील इलाकों में अराजक तत्वों पर कड़ी नजर रखी जाए. साथ ही जिला पुलिस के आला अधिकारी महत्वपूर्ण मौकों जैसेः रैली, शोभा यात्रा, धार्मिक पर्वों पर रैली आदि का वार्षिक कैलेंडर दफ्तर में रखें ताकि किसी भी तरह का विवाद पैदा होने से पहले उस पर काबू पा लिया जाए. डीजीपी ने कहा कि इन मौकों पर रैली, जुलूस आदि निकाले जाने की संभावना को देखते हुए पर्याप्त सुरक्षा भी मुहैया कराई जाए.
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