कर्नाटक के मंत्री ईश्वरप्पा ने दिया इस्तीफ़ा, ठेकेदार की आत्महत्या में आया था नाम

बेंगलुरु, कर्नाटक में कैबिनेट मंत्री केएस ईश्वरप्पा के दामन पर बीते दिनों भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे. ईश्वरप्पा के खिलाफ एक ओर कर्नाटक में कांग्रेस का प्रदर्शन जारी है तो दूसरी ओर कर्नाटक कॉन्ट्रैक्टर्स एसोसिएशन ने भी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. ऐसे में, कर्नाटक में ठेकेदार संतोष पाटिल की आत्महत्या के मामले […]

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कर्नाटक के मंत्री ईश्वरप्पा ने दिया इस्तीफ़ा, ठेकेदार की आत्महत्या में आया था नाम

Aanchal Pandey

  • April 15, 2022 11:27 pm Asia/KolkataIST, Updated 3 years ago

बेंगलुरु, कर्नाटक में कैबिनेट मंत्री केएस ईश्वरप्पा के दामन पर बीते दिनों भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे. ईश्वरप्पा के खिलाफ एक ओर कर्नाटक में कांग्रेस का प्रदर्शन जारी है तो दूसरी ओर कर्नाटक कॉन्ट्रैक्टर्स एसोसिएशन ने भी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. ऐसे में, कर्नाटक में ठेकेदार संतोष पाटिल की आत्महत्या के मामले में नाम सामने के बाद, ईश्वरप्पा को भारी दबाव का सामना करना पड़ रहा है. इसी के चलते भाजपा नेता व मंत्री केएस ईश्वरप्पा ने कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने शुक्रवार को मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई से मिलकर उन्हें अपना इस्तीफ़ा सौंपा है.

ईश्वरप्पा पर लगे हैं भ्रष्टाचार के आरोप

बता दें कि ठेकेदार संतोष पाटिल सोमवार को उडुपी में मृत मिले थे. इससे कुछ देर पहले ही उन्होंने अपने एक दोस्त को मैसेज भेजा था, जिसमें उन्होंने अपनी मौत के लिए मंत्री ईश्वरप्पा को कुसूरवार बताया था. बताया जा रहा है कि मौत से कुछ दिन पहले संतोष पाटिल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक चिट्ठी भी लिखी थी, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि ईश्वरप्पा उनसे काम के बदले 40 फीसदी रिश्वत की मांग कर रहे हैं. हालांकि, ईश्वरपा ने इन खबरों का खंडन किया है.

केएस ईश्वरप्पा की गिनती कर्नाटक में भाजपा के बड़े नेताओं में होती है. ईश्वरप्पा अभी कर्नाटक सरकार में ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री हैं, ईश्वरप्पा वही नेता हैं, जिन्होंने पिछले साल कर्नाटक के तब के सीएम बीएस येदियुरप्पा पर भ्र्ष्टाचारी के आरोप लगाए थे. उन्होंने आलाकमान से येदियुरप्पा को हटाने की मांग भी की थी और कहा था कि अगर येदियुरप्पा मुख्यमंत्री रहे तो अगला चुनाव जीतना नामुमकिन हो जाएगा. इसके बाद ईश्वरप्पा के साथ बाकी और विधायक भी जुड़ गए और आखिरकार येदियुरप्पा को अपने पद से हटना ही पड़ा.

 

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