लखनऊ, उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा के दौरान कुछ बेहतरीन तस्वीरें सामने आईं, जहाँ कई कांवड़ यात्रियों पर मुसलमानों ने फूलों की बारिश की. कई जगह मुसलमानों ने कांवड़ यात्रियों का स्वागत भी किया. बीते दिन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी कांवड़ियों पर पुष्प वर्षा की थी. अब कांवड़ियों का गर्मजोशी से स्वागत किए जाने पर AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी का बयान आया है. हैदराबाद के सांसद ओवैसी ने कहा है कि ‘अब मुसलमानों के घरों पर बुलडोजर नहीं चलना चाहिए.’
AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने मीडिया की कुछ रिपोर्टों को साझा करते हुए कहा कि “अगर मुसलमान कुछ मिनटों के लिए भी खुली जगह में नमाज़ अदा करते हैं, तो यह एक विवाद हो जाता है. मुसलमानों को पुलिस की गोलियों, हिरासत में संघर्ष, NSA, UAPA, लिंचिंग, बुलडोजर का सामना करना पड़ रहा है, ऐसा क्यों हो रहा है.. सिर्फ मुसलमान होने के कारण.”
AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी का यह बयान ऐसे वक्त में आया है जब लखनऊ के लुलु मॉल में नमाज अदा करने को लेकर गिरफ्तारियां हुई हैं. गोरखपुर में एक सरकारी अधिकारी के घर के सामने एक व्यक्ति के नमाज अदा करने का मामला इस समय गर्माया हुआ है. इसके अलावा मेरठ में एक व्यक्ति ने शॉपिंग कॉम्प्लेक्स में नमाज अदा की जिसका वीडियो वायरल हुआ है, इसी पर ओवैसी ने कहा है कि अगर मुसलमान कहीं नमाज़ पढ़ता है तो हंगामा हो जाता है.
ओवैसी ने कहा कि, “पुलिस वाले कांवड़ियों पर फूल बरसा रहे हैं और उनके पैरों पर लोशन लगा रहे हैं. दिल्ली पुलिस ने कांवड़ियों को परेशान न करने के लिए लोहारों को उनके रास्ते से हटा दिया, यूपी सरकार ने उनके रास्ते में मांस पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया, क्या यह रेवाड़ी संस्कृति नहीं है?”
एक जगह का हवाला देते हुए ओवैसी ने कहा “कांवड़ियों की भावनाएं इतनी मजबूत हैं कि वे एक मुस्लिम पुलिस अधिकारी का नाम तक बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं, ये भेदभाव क्यों हो रहा है. एक से नफरत और दूसरे से प्यार क्यों? एक धर्म के लिए प्यार और दूसरे के लिए बुलडोज़र क्यों?”
बता दें, ये हिंदू-मुस्लिम की राजनीति करना कोई नई बात नहीं है. इससे पहले भी कई चुनावों में हिंदू-मुस्लिम की राजनीति की गई थी. हर सरकार अपने शासनकाल में मुस्लिम वोटबैंक को अपनी ओर करने की कोशिश में रहती है. इसी कड़ी में अखिलेश यादव ने अपने कार्यकाल के दौरान कब्रिस्तान के पास चार दीवारी का निर्माण किया था. इसे लेकर अक्सर ही भाजपा सपा पर हमलावर रही है. वहीं, इस मामले को लेकर योगी सरकार ने घोटाले की आशंका भी जताई थी.
इसके अलावा अखिलेश सरकार ने अपने कार्यकाल में रमजान में इफ्तार कार्यक्रमों का भी आयोजन करना शुरू किया था. कोरोना काल के चलते पिछले दो सालों से रमजान की इफ्तार पार्टियां भी नहीं हो रही थी. इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया के चेयरमैन और वरिष्ठ मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने शनिवार को ईदगाह में भव्य रोज़े की दावत भी दी थी.
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