राष्ट्रपति चुनाव में खुली विपक्षी एकता की पोल, 17 सांसदों और 104 विधायकों ने किया क्रॉस वोट

नई दिल्ली, राष्ट्रपति चुनाव ने विपक्षी एकता की सारी पोल खोल दी, देश के सबसे बड़े पद के लिए चुनाव का गणित नवनिर्वाचित राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में पहले से ही था. लेकिन विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को ये उम्मीद नहीं रही होगी कि जिन पार्टियों ने उनके नाम का प्रस्ताव दिया उन्हीं […]

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राष्ट्रपति चुनाव में खुली विपक्षी एकता की पोल, 17 सांसदों और 104 विधायकों ने किया क्रॉस वोट

Aanchal Pandey

  • July 22, 2022 5:05 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली, राष्ट्रपति चुनाव ने विपक्षी एकता की सारी पोल खोल दी, देश के सबसे बड़े पद के लिए चुनाव का गणित नवनिर्वाचित राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में पहले से ही था. लेकिन विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को ये उम्मीद नहीं रही होगी कि जिन पार्टियों ने उनके नाम का प्रस्ताव दिया उन्हीं के सांसद और विधायक उनके खिलाफ वोट कर देंगे. द्रौपदी मुर्मू की इतनी बड़ी जीत में क्रॉस वोटिंग का बहुत बड़ा हाथ है. द्रौपदी मुर्मू को सभी वोटों का लगभग 64.23 फीसदी मत मिला है जबकि इतने वोट अब तक किसी भी राष्ट्रपति को नहीं मिले हैं. लगभग आधा दर्जन गैर-एनडीए दलों के अलावा, 17 सांसदों और करीब 104 विधायकों ने द्रौपदी मुर्मू के समर्थन में क्रॉस-वोटिंग की है.

इन राज्यों में हुई क्रॉस वोटिंग

राष्ट्रपति चुनाव में बिहार में 6, अरुणाचल प्रदेश में 1, गुजरात में 10, हरियाणा में 1, हिमाचल प्रदेश में 2, झारखंड में 10, मध्यप्रदेश में 18, असम में 22, छत्तीसगढ़ में 6, गोवा में 4, महाराष्ट्र में 16 विधायकों और मेघालय में 7 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की है. आंकड़ों से जाहिर है कि असम में सबसे ज्यादा क्रॉस वोटिंग हुई है. सबसे ज्यादा क्रॉस वोटिंग असम में हुई है, 126 सदस्यीय वाली असम विधानसभा में एनडीए के 79 विधायक हैं जबकि द्रौपदी मुर्मू को 104 वोट मिले हैं. यानी 22 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग करते हुए द्रौपदी मुर्मू को वोट दिया है.

सांसदों ने भी किया समर्थन

सांसदों में से 540 ने द्रौपदी मुर्मू को वोट दिया, देखा जाए तो 17 सांसदों ने द्रौपदी मुर्मू के समर्थन में वोट किया जो गैर-एनडीए दलों के बीच एक बड़े विभाजन को दिखाता है. क्रॉस वोटिंग का असर साफ़ तौर पर चुनावी राज्यों में दिखेगा, ख़ास तौर पर गुजरात जहां इस साल के अंत में चुनाव होने हैं. वहां इसका सीधा असर देखने को मिलने वाला है.

बता दें कि एनडीए में शामिल दलों के अलावा शिवसेना, बीजेडी, बसपा, अकाली दल, जदएस, वाईएसआर कांग्रेस सहित कुछ निर्दलीय सांसदों ने द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने की घोषणा की थी. संसद के दोनों सदनों को मिला कर इन सभी दलों और एनडीए के सांसदों की संख्या 529 होती है. जबकि बीजेपी, शिवसेना और बीएसपी के दो-दो सांसदों ने वोट नहीं डाले थे, इस हिसाब से एनडीए उम्मीदवार को 523 सांसदों का समर्थन मिलना तय था लेकिन 540 सांसदों का समर्थन हासिल हुआ, इससे साफ़ ज़ाहिर होता है कि 17 सांसदों ने भी क्रॉस वोटिंग की है.

 

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