अंकिता के लिए आक्रोश, दलितों पर अत्याचार! लेकिन रायपुर चले 'सरकार'

रांची. विधानसभा की सदस्यता रद्द होने की आशंका और महागठबंधन में दरार के डर के बीच झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस के 30 से ज्यादा विधायकों को छत्तीसगढ़ भेजा जा रहा है. हालांकि, खुद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अभी रायपुर नहीं गए हैं. वह विधायकों को विदा करके एयरपोर्ट से बाहर आ गए हैं, रांची एयरपोर्ट से इंडिगो का विमान विधायकों को लेकर रायपुर के लिए रवाना हो चुका है, रायपुर में शानदार रिजॉर्ट विधायकों के स्वागत को तैयार है.

बताया जा रहा है कि दो बस में कुल 35 लोग एयरपोर्ट पहुंचे हैं, बस में सीएम हेमंत सोरेन के अलावा अविनाश पांडेय और राजेश ठाकुर भी मौजूद थे. कुल 35 से 32 विधायक थे, गौरतलब है झारखंड के सत्ताधारी विधायक ऐसे समय पर राज्य से बाहर जा रहे हैं जब एक कानून व्यवस्था को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं. एक तरफ दुमका में अंकिता को जिंदा जला दिए जाने को लेकर लोगों में आक्रोश है तो दूसरी तरफ पलामू में 50 महादलित परिवारों को उजाड़ दिए जाने को लेकर भारतीय जनता पार्टी हेमंत सरकार पर हमलावर है, लेकिन इसी बीच गठबंधन टूटने डर से विधायक रायपुर के लिए निकल गए हैं.

क्यों जा रहे रायपुर ?

हेमंत सोरेन के खिलाफ पत्थर खनन लीज आवंटन मामले में चुनाव आयोग ने अपनी सिफारिश राज्यपाल को भेज दी है. माना जा रहा है कि इस केस में हेमंत सोरेन की सदस्यता जा सकती है और इस वजह से उनकी मुख्यमंत्री की कुर्सी भी छीन सकती है. इसी बीच महागठबंधन को टूट का डर भी सता रहा है, झारखंड मुक्ति मोर्चा भाजपा पर विधायकों को तोड़ने का आरोप लगा रही है, ऐसे में कुनबा सुरक्षित करने के लिए विधायकों को कांग्रेस शासित प्रदेश में शिफ्ट किया जा रहा है, इसी के तहत आज विधायकों को रायपुर भेजा गया है.

 

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