Jharkhand Assembly Election Result 2019: झारखंड में पीएम नरेंद्र मोदी का मैजिक नहीं चल पाया. सीएम रघुबर दास की भारतीय जनता पार्टी चुनाव नतीजों में हार की ओर है. कांग्रेस-जेएमएम और राजद के गठबंधन ने रूझानों में बहुमत का आंकड़ां पार कर लिया. हेमंत सोरेन का राज्य का अगला सीएम बनना तय है.
रांची. झारखंड चुनाव नतीजों के रुझानों से साफ है राज्य में कांग्रेस-जेएमएम और राजद महागठबंधन सरकार बनाएगा. पूर्व सीएम हेमंत सोरेन एक बार फिर राज्य में मुख्यमंत्री पद संभालेंगे. सत्ताधारी बीजेपी के लिए चुनाव का रिजल्ट बड़ा झटका होगा. इससे पहले भी महाराष्ट्र और हरियाणा में भाजपा को सरकार बनाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी थी. हरियाणा में तो जुगाड़ से सफलता मिल गई लेकिन महाराष्ट्र में सरकार नहीं बनी. खास बात है कि केंद्र में पीएम नरेंद्र मोदी जैसा कद्दावर नेता भाजपा के पास है लेकिन विधानसभा चुनाव में कुछ फायदा नहीं मिल रहा.
पीएम नरेंद्र मोदी ने साल 2014 के बाद साल 2019 की लोकसभा में बड़ी जीत हासिल की. देश में मोदी-मोदी के नारे लगे. लोकसभा में बीजेपी की प्रचंड जीत को देखकर कोई भी कह सकता है कि पूरे देश में भाजपा की स्थिति काफी मजबूत है लेकिन सच में ऐसा है नहीं. पीएम नरेंद्र मोदी के पहले कार्यकाल से लेकर अब तक अगर बीजेपी ने यूपी जैसे बड़े राज्यों में प्रचंड जीत भी हासिल की तो मध्य प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र जैसे बड़े राज्य खो दिए. इनके साथ-साथ छत्तीसगढ़ और अब झारखंड भी नहीं रहा.
क्यों नहीं चल रहा मोदी मैजिक
जब लोकसभा के लिए लोग वोटिंग करने जाते हैं तो उनके मन में पूरे देश के विकास के लिए मुद्दे होते हैं जिन्हें ध्यान में रखते हुए ही मतदान किया जाता है. साल 2019 में पीएम नरेंद्र मोदी भारत के सबसे लोकप्रिय नेता बने रहे. उनका पहला कार्यकाल देखते हुए लोगों ने उन्हें एक बार फिर प्रधानमंत्री बनाया. लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि मोदी को वोट करने वाली जनता राज्य में भी बीजेपी को वोट दे.
दरअसल हर एक राज्य में अलग-अलग मुद्दे हावी हैं. साल 2017 में उत्तर प्रदेश में राम मंदिर का मुद्दा हावी था जिसका फायदा भाजपा को मिला और बहुमत से सरकार बन गई लेकिन साल 2018 में मध्य प्रदेश और राजस्थान में मंदिर पॉलिटिक्स शायद नहीं चली और कांग्रेस को जीत मिल गई. गुजरात में भी बीजेपी को कांग्रेस से कड़ी टक्कर मिली, कर्नाटक में भी बीजेपी को बहुमत नहीं मिली. हालांकि, अब इन दोनों राज्यों में बीजेपी की ही सरकार है.
छत्तीसगढ़ चुनाव 2018 के दौरान भी का आदिवासी समुदाय से बीजेपी से नाराज दिखा था जिसका नुकसान भाजपा को मिला. मेरे कहने का मतलब है कि हर एक राज्य में छोटे-छोटे कई ऐसे मुद्दे हैं जिन्हें देखकर लोग वोट करते हैं. ऐसे में अगर भविष्य में भी बीजेपी सिर्फ पीएम मोदी के नाम पर वोट बटोरने की कोशिश करेगी तो उसके लिए जीतना मुश्किल ही होगा.