लखनऊ, उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के बाद समाजवादी पार्टी में दरार देखने को मिल रही है. एक और, समाजवादी पार्टी से चाचा शिवपाल एक नाराज़गी की खबरें आ रही हैं, तो वहीं, दूसरी और खबरें हैं कि आज़म खान भी बहुत जल्द पार्टी छोड़ सकते हैं. ऐसे में, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव […]
लखनऊ, उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के बाद समाजवादी पार्टी में दरार देखने को मिल रही है. एक और, समाजवादी पार्टी से चाचा शिवपाल एक नाराज़गी की खबरें आ रही हैं, तो वहीं, दूसरी और खबरें हैं कि आज़म खान भी बहुत जल्द पार्टी छोड़ सकते हैं. ऐसे में, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से आजम खान की नाराजगी की खबरों के बीच बुधवार को राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के अध्यक्ष जयंत चौधरी उनके परिवार से मिलने पहुंचे, मुलाक़ात के बाद जयंत ने कहा कि उनका मानना है कि किसी भी राजनीतिक दल में अलग-अलग मत होना उस दल में लोकतंत्र के जीवित होने का ही प्रमाण है.
समाजवादी पार्टी के अंदरूनी बिखराव की खबरें इस समय सुर्खियां बनी हुई हैं. इसी बीच, राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष जयंत चौधरी आज़म खान से मिलने पहुंचे. इस दौरा जयंत, सपा के अंदरूनी बिखराव के मुद्दे पर बोलने से बचते नजर आए. आज़म खान से मुलाक़ात के बाद उन्होने कहा कि वह रामपुर में लखीमपुर कांड के मुख्य गवाह से मिलने आए हैं. इस दौरान जयंत आजम के बेटे अब्दुल्ला आजम और पत्नी डॉ तंज़ीन फातिमा से भी मिले. उन्होंने कहा कि किसी दल में अलग-अलग सोच के चलते विभिन्न मत हो सकते हैं, और यही लोकतंत्र की अच्छाई है, यही चीज़ें एक दल में लोकतंत्र को जीवित रखती हैं.
उन्होने आगे कहा “आजम खान वरिष्ठ नेता हैं और उनके परिवार के साथ उनकी संवेदना है. उन्होंने आज़म खान के परिवार की तारीफ़ करते हुए कहा कि जिस तरीके से इस परिवार को प्रताड़ित किया गया है, यह लोग हिम्मत वाले हैं और लड़ते रहे हैं. विधानसभा चुनाव में मिली हार की समीक्षा ज़रूर होनी चाहिए और लोकतंत्र में अलग-अलग राय तो हो ही सकती है. और एक दल में अलग-अलग सोच का होना तो आंतरिक लोकतंत्र का प्रमाण है. लोकतंत्र के अगले पड़ाव और संवैधानिक मूल्यों की रक्षा करने के लिए समझने की कोशिश की जा रही है, ताकि आगे और बेहतर तरीके से प्रदर्शन किया जा सके.”
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