Jammu Kashmir 370 Revoked State Bifurcation Passed By Lok Sabha: राज्यसभा के बाद लोकसभा से भी जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने और केंद्र शासित प्रदेश बनाने का जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल 2019 पास हो गया. लोकसभा में इस बिल के पक्ष में 370 वोट पड़े जबकि इसके विपक्ष में सिर्फ 70 वोट ही पड़े. लोकसभा में जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने वाला बिल पास होने पर देशभर में खुशी की लहर है. बीजेपी कार्यकर्ता पटाखे जलाकर और ढोल नगाड़ों से जश्न् मना रहे हैं. दूसरी तरफ नरेंद्र मोदी सरकार ने लोकसभा से जम्मू-कश्मीर आरक्षण (संशोधन) बिल, 2019 को वापस ले लिया.
नई दिल्ली. जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने और केंद्र शासित प्रदेश बनाने का जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल 2019 मंगलवार को लोकसभा में भी पास हो गया. राज्यसभा में सोमवार को पारित होने के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को लोकसभा में जम्मू-कश्मीर विधेयक 2019 पेश किया था. इस बिल पर विपक्ष ने सदन में नरेंद्र मोदी सरकार का जमकर विरोध किया. बिल पर चर्चा होने के बाद लोकसभा में वोटिंग कराई गई. इस बिल के पक्ष में 370 वोट पड़े जबकि इसके विरोध में केवल 70 वोट ही गिरे.
आपको बता दें कि नरेंद्र मोदी सरकार सोमवार को राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने का संकल्प पेश किया. गृह मंत्री अमित शाह ने सदन में जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल 2019 चर्चा के लिए रखा. यह बिल राज्य सभा से सोमवार को पारित हो गया. इसके तहत जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा हट गया. साथ ही राज्य का विभाजन कर उसे लद्दाख और जम्मू-कश्मीर दो केंद्र शासित प्रदेश बनाने का फैसला लिया.
राज्यसभा से पारित होने के बाद गृह मंत्री शाह ने जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक 2019 को मंगलवार को लोकसभा में चर्चा के लिए पेश किया. पूरे दिन सदन में इस बिल पर बहस हुई. कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों ने इस बिल का विरोध किया और केंद्र सरकार पर एकतरफा फैसला लेने का आरोप लगाया. चर्चा के बाद सदन में धारा 370 हटाने और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल 2019 पर वोटिंग हुई.
लोकसभा में गुरुवार को जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने के फैसले पर हुई वोटिंग के दौरान पक्ष में 351 और विपक्ष में 72 वोट पड़े. वहीं जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल 2019 के पक्ष में 370 और विपक्ष में 70 वोट पड़े. दूसरी तरफ राज्यसभा से सोमवार को पास हुए जम्मू-कश्मीर आरक्षण (संशोधन) बिल 2019 को केंद्र सरकार ने वापस ले लिया.
लोकसभा में बहस का जवाब देते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में सिर्फ तीन परिवारों के पास सत्ता थी, लेकिन आज वहां चालीस हजार पंच-सरपंच अपने गांवों के विकास के लिए कार्य कर रहे हैं. जम्मू-कश्मीर में 1990 से अब तक 41 हजार पांच सौ से ज्यादा लोग मारे गए, क्या हम अब भी इसी रास्ते पर चलेंगे, कब तक हम वोटबैंक की राजनीति करते रहेंगे. अमित शाह ने कहा कि जम्मू कश्मीर धरती पर स्वर्ग था है और रहेगा, इसमें किसी किस्म का बदलाव नहीं आने वाला है.