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InKhabar Interview: जानिए जनसत्ता पार्टी के विस्तार को लेकर क्या है राजा भैया की योजना

लखनऊ, InKhabar Interview । उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ की कुंडा नगर पंचायत सीट हमेशा से चर्चा का विषय रहती है, जिसका कारण है रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया। बता दें, राजा भैया इन दिनों यूपी निकाय चुनाव में अपने प्रत्याशियों को विजयी बनाने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। इसके लिए उन्होंने प्रचार करना […]

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InKhabar Interview: जानिए जनसत्ता पार्टी के विस्तार को लेकर क्या है राजा भैया की योजना
  • April 27, 2023 6:45 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

लखनऊ, InKhabar Interview । उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ की कुंडा नगर पंचायत सीट हमेशा से चर्चा का विषय रहती है, जिसका कारण है रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया। बता दें, राजा भैया इन दिनों यूपी निकाय चुनाव में अपने प्रत्याशियों को विजयी बनाने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। इसके लिए उन्होंने प्रचार करना भी शुरू कर दिया है।

इन चुनाव में कुंडा सीट से जहां भाजपा ने डॉ सुमन शाहू को मैदान में उतारा है, तो वहीं सपा की तरफ से गुलशन यादव की पत्नी सीमा यादव चुनाव लड़ रही है। ऐसे में बदलती हुई परिस्थितियों को देखते हुए राजा भैया ने इस बार ब्राह्राण चेहरे पर भरोसा करते हुए बसपा से अध्यक्ष रहे शिवकुमार तिवारी की पत्नी उषा तिवारी को मैदान में उतारा है, जिनके लिए राजा भैया ने चुनाव प्रचार करना शुरू कर दिया है।

इसके अलावा जनसत्ता पार्टी हीरागंज और डेरवा सीट से भी अपने प्रत्याशियों को चुनाव लड़ा रही हैं। इस बीच इनखबर की टीम आने वाले चुनाव को लेकर राजा भैया और उनकी पार्टी की क्या तैयारी है इसकी हकीकत जानने के लिए कुंडा विधानसभा क्षेत्र में पहुंची। इस दौरान इनखबर के मैनेंजिग एडिटर विद्या शंकर तिवारी ने राजा भैया से आगामी लोकसभा चुनावों के अलावा भविष्य में पार्टी के विस्तार को लेकर कई प्रश्न किए जानिए उन्होंने क्या कहा –

क्या बोले राजा भैया ?

इस दौरान राजा भैया ने कहा कि, राज्यों में अक्सर पार्टियों का गठन दो तरह से होता या तो पार्टी के नेता किसी बड़ी पार्टी से नाराज होकर अपने दल का निर्माण कर लेते हैं या फिर एक प्रत्याशी क्षेत्र या जाति के आधार पर वोट इकट्ठा करके अन्य पार्टियों में खुद को शामिल करने के लिए बोलता है। लेकिन हमारे साथ ये दोनों ही चीजें नहीं हुई है।

हम तो 6 बार निर्दलीय चुनाव जीतकर आ चुके है, इसके अलावा अब राजनीति में आए हुए हमें 25 साल हो चुके हैं, तो अन्य लोगों ने हमें राय दी की कब तक निर्दलीय चुनाव लड़ते रहेंगे इसके बाद हमारे पास दो ही योजनाएं थी या तो अन्य दल में जाकर मिल जाए या खुद का दल बनाए, तो 80 प्रतिशत से ज्यादा साथियों ने सलाह दी कि आप अपना दल स्थापित कीजिए। इस तरह जनसत्ता दल का गठन किया गया। बात भविष्य की करें तो हर दल ये चाहता है कि उसकी पार्टी और नेता तरक्की करें और उन्नति मिले। ऐसा ही कुछ प्रयास हमारा भी जारी है, खैर भविष्य में क्या करना है इसकी योजना बनाई जा रही है।

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