नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने राफेल फाइटर प्लेन सौदे में गड़बड़ी की कोर्ट की निगरानी में जांच के लिए दाखिल सारी याचिकाओं को ठुकराते हुए जो फैसला दिया उसमें राफेल डील पर सीएजी की रिपोर्ट का जिक्र कर दिया जो रिपोर्ट आई भी है या नहीं ये बात राजनेताओं या मीडिया को अब तक पता नहीं है. राजनीतिक तौर पर संवेदनशील राफेल मामले को लेकर कोर्ट के आदेश में जब एक ऐसी रिपोर्ट की चर्चा हो जो इससे पहले खुद लोक लेखा समिति यानी पीएसी के अध्यक्ष या मेंबर ने भी ना देखी हो तो सबका चौंकना लाजिमी था. सोशल मीडिया से लेकर हर जगह लोग यही पूछ रहे हैं कि सुप्रीम कोर्ट को ये बात किसने बताई जिसे उसने अपने फैसले का हिस्सा बना लिया. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के इस हिस्से का जिक्र करते हुए कहा कि क्या हो रहा है, पता ही नहीं चल रहा.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के पेज नंबर 25 पर विमान सौदे की कीमतों को लेकर लिखा है- कीमतों की जानकारी सीएजी से साझा की गई हैं और सीएजी की रिपोर्ट पीएसी ने देखी है. रिपोर्ट का संपादित हिस्सा संसद में पेश किया गया और लोगों की जानकारी में है. ये जो बात है वो बात पीएसी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से लेकर लोक लेखा समिति के सदस्यों भर्त्रुहरि महताब और राजीव गौड़ा तक को चौंका गई. इन सबने मीडिया से कहा कि पीएसी में राफेल पर कोई सीएजी रिपोर्ट आई ही नहीं है. नवंबर में 60 रिटायर्ड आईएएस, आईपीएस समेत दूसरे नौकरशाहों ने सीएजी को पत्र लिखकर कहा था कि वो जानबूझकर राफेल और नोटबंदी पर सीएजी रिपोर्ट को लटका रहे हैं जिससे नरेंद्र मोदी सरकार 2019 के चुनाव से पहले विवादों ने ना फंस जाए.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर मीडिया के सामने आए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने तंज कसते हुए कहा कि देश की संस्थाओं का मजाक बना दिया गया है और पता ही नहीं चल रहा कि हो क्या रहा है. राहुल ने चुटकी लेते हुए कहा, “शायद कोई और पीएसी चल रही है. शायद फ्रांस की संसद में चल रही है. हो सकता है मोदी जी ने अपनी पीएसी पीएमओ में बैठा रखी हो.” राहुल गांधी ने कहा, “सुप्रीम कोर्ट के फैसले का जो मूल आधार है उसमें राफेल के दाम पर सीएजी की रिपोर्ट में चर्चा है, पीएसी के चेयरमैन को रिपोर्ट नहीं दिखी, पीएसी के मेंबर को नहीं दिखी लेकिन सुप्रीम कोर्ट को दिख गई, ये मुझे समझ नहीं आ रहा. मेरी समझ में नहीं आ रही ये बात.” राहुल ने कहा कि सरकार हमें समझाए और दिखाए कि वो सीएजी रिपोर्ट कहां है.
पीएसी चेयरमैन मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा- “आज पीएसी की 3 बजे शाम में मीटिंग में थी. मैंने डिप्टी सीएजी से पूछा कि ये कहां से आया. मेरा फर्जी दस्तखत तो नहीं कर दिया कोई. जब सीएजी के पास नहीं है तो पीएसी के पास आने का सवाल नहीं है. जब हमारे पास आएगा तो हम छुपाकर नहीं रखते. हम संसद में पेश करते. जब संसद में पेश नहीं हुआ तो ये आया कहां से. कानून ये कहता है कि जब तक वो रिपोर्ट संसद में पेश नहीं किया जाएगा तब तक किसी को उसके बारे में बोलने का अधिकार नहीं है. हम ये एफिडेविट भी लेते हैं कि सीएजी रिपोर्ट पर चर्चा के बारे में संसद में पेश होने तक बाहर बात नहीं करेंगे. ये तो अजब चीज है, गजब चीज है. पीएसी को घसीटा गया है जो गलत है.”
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