नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में पश्चिमी क्षेत्रीय परिषद की बैठक आज शनिवार को हुई। बैठक में सीमा, सुरक्षा और बुनियादी ढांचे से जुड़े मुद्दों जैसे सड़क, परिवहन, उद्योग, पानी और बिजली सहित कई मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है। बैठक में गुजरात, महाराष्ट्र और गोवा के मुख्यमंत्री, दादरा और […]
नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में पश्चिमी क्षेत्रीय परिषद की बैठक आज शनिवार को हुई। बैठक में सीमा, सुरक्षा और बुनियादी ढांचे से जुड़े मुद्दों जैसे सड़क, परिवहन, उद्योग, पानी और बिजली सहित कई मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है। बैठक में गुजरात, महाराष्ट्र और गोवा के मुख्यमंत्री, दादरा और नगर हवेली, दमन और दीव के प्रशासकों के शामिल होने की संभावना है।
एक शीर्ष सरकारी अधिकारी ने कहा कि गृह मंत्री को संबंधित राज्यों के बीच सीमा मुद्दों, सुरक्षा, कानून व्यवस्था, सड़क, परिवहन, उद्योग, पानी और बिजली जैसे बुनियादी ढांचे से संबंधित मामलों से अवगत कराया जाएगा। अधिकारी ने कहा कि दो घंटे से अधिक समय तक चली बैठक में भाग लेने वाले सभी राज्यों के संबंधित अधिकारी गृह मंत्री के समक्ष एक प्रस्तुति देंगे और बेहतर समन्वय और कार्य के लिए बैठक के परिणाम को लागू किया जाएगा।
क्षेत्रीय परिषदों की स्थापना का मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय एकीकरण लाना है। इन परिषदों को बनाने का विचार 1956 में भारत के पहले प्रधान मंत्री, पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा रखा गया था। यह पंडित नेहरू द्वारा उस समय सुझाया गया था जब भाषाई दुश्मनी और कड़वाहट हमारे राष्ट्र के ताने-बाने के लिए खतरा बन रही थी। नेहरू की दृष्टि के आलोक में, राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 1956 के भाग- III के तहत पांच क्षेत्रीय परिषदों की स्थापना की गई थी। इसमें पश्चिमी क्षेत्रीय परिषद, उत्तरी क्षेत्रीय परिषद, केंद्रीय क्षेत्रीय परिषद, पूर्वी क्षेत्रीय परिषद और दक्षिणी क्षेत्रीय परिषद शामिल हैं।
उत्तरी क्षेत्रीय परिषद में हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, पंजाब, राजस्थान, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ शामिल हैं। केंद्रीय क्षेत्रीय परिषद में छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश राज्य शामिल हैं। पूर्वी क्षेत्रीय परिषद में बिहार, झारखंड, उड़ीसा, सिक्किम और पश्चिम बंगाल राज्य शामिल हैं और दक्षिणी क्षेत्रीय परिषद में आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु और केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी शामिल हैं।
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