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Hijab Row: हिजाब विवाद पर छात्राओं ने हाई कोर्ट में मांगी ड्रेस कोड के रंग का हेडस्कार्फ पहनने की अनुमति

Hijab Row: बेंगलुरु, Hijab Row: कर्नाटक से शुरू हुआ हिजाब बनाम भगवा का नाटक थमने का नाम नहीं ले रहा तमाम राजनीतिक दल मामले में सियासत की रोटी सेंकते हुए नज़र आ रहे हैं. ऐसे में अब इस मामले में नया मोड़ आया है. आज मामले में हाई कोर्ट ने सुनवाई हुई. यहाँ, सरकारी आदेश […]

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Hijab Row
  • February 14, 2022 9:51 pm Asia/KolkataIST, Updated 3 years ago

Hijab Row:

बेंगलुरु, Hijab Row: कर्नाटक से शुरू हुआ हिजाब बनाम भगवा का नाटक थमने का नाम नहीं ले रहा तमाम राजनीतिक दल मामले में सियासत की रोटी सेंकते हुए नज़र आ रहे हैं. ऐसे में अब इस मामले में नया मोड़ आया है. आज मामले में हाई कोर्ट ने सुनवाई हुई. यहाँ, सरकारी आदेश को चुनौती देने वाली लड़कियों ने कोर्ट से अपील की है कि उन्हें स्कूल की यूनिफार्म की तरह ही इस्लामी हेडस्कार्फ पहनने की अनुमति दी जाए. बता दें कि इन लड़कियों ने शांति, सद्भाव और कानून-व्यवस्था को भंग करने वाले किसी भी कपड़े के उपयोग को प्रतिबंधित करने वाले सरकारी आदेश को आज हाई कोर्ट में चुनौती दी.

छात्राओं ने सरकारी आदेश को दी चुनौती

हिजाब विवाद पर बढ़ते कलह को देखते हुए अब मामला जब कोर्ट में पहुंच गया है. तो ऐसे में अब छात्राओं ने सरकारी आदेश को ही चुनती दे डाली है. आज कोर्ट में लड़कियों की ओर से अधिवक्ता देवदत्त कामत ने बेंच को बताया कि ‘मैं न केवल सरकारी आदेश को चुनौती दे रहा हूं, बल्कि मुझे ड्रेस के एक ही रंग का हेडस्कार्फ पहनने की अनुमति देने के लिए एक सकारात्मक मेंडेट भी मांग रहा हूँ. उन्होंने आगे दावा किया कि केंद्रीय स्कूल मुस्लिम लड़कियों को स्कूल ड्रेस के रंग का हेडस्कार्फ पहनने की अनुमति देते हैं और यही वजह है कि यहाँ भी इस बात की अनुमति दी जा सकती है.

संविधान के अनुच्छेद 25 का दिया हवाला

मामले में अपनी दलील पेश करते हुए छात्राओं के अधिवक्ता देवदत्त कामत ने कहा कि स्कार्फ एक जरूरी धार्मिक प्रथा है, और इसके उपयोग को प्रतिबंधित करना भारतीय संविधान के अनुच्छेद 25 का पूर्ण रूप से उल्लंघन है. अनुच्छेद 25 कहता है कि कोई भी व्यक्ति विशेष स्वतंत्र रूप से अपने धर्म का पालन व प्रचार कर सकता है.

 

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