जामनगर. गुजरात चुनाव की तैयारियां इस समय ज़ोरों पर हैं, कुछ ही दिनों में चुनाव की तारीखों का भी ऐलान हो जाएगी. चुनाव के लिए हर पार्टी ज़ोर-शोर से तैयारी कर रही हैं, आम आदमी पार्टी ने तो गुजरात चुनाव के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. समय-समय पर आम आदमी पार्टी के संयोजक […]
जामनगर. गुजरात चुनाव की तैयारियां इस समय ज़ोरों पर हैं, कुछ ही दिनों में चुनाव की तारीखों का भी ऐलान हो जाएगी. चुनाव के लिए हर पार्टी ज़ोर-शोर से तैयारी कर रही हैं, आम आदमी पार्टी ने तो गुजरात चुनाव के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. समय-समय पर आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल गुजरात का दौरा कर रहे हैं, चुनावी वादें भी कर रहे हैं.
गुजरात चुनाव के साथ ही हार्दिक पटेल भी इस समय सुर्ख़ियों में बने हुए हैं, दरअसल, हार्दिक पटेल कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे, लेकिन जब से वो भाजपा में आए हैं तब से वो बहुत कम सक्रिय हैं और उनकी सक्रियता उनके अपने कसबे तक ही सीमित है. जिसके बाद अब ये कहा जा रहा है कि पटेल का भाजपा में भी कांग्रेस वाला ही हाल है. दरअसल, हार्दिक पटेल का नाम गुजरात गौरव यात्रा से हटा दिया गया है, पहले जो कार्यक्रम की सूचि जारी की गई थी उसमें पूर्व उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल के साथ हार्दिक पटेल का नाम था लेकिन बाद में उनका नाम हटा दिया गया. सूचि में नीतिन पटेल के नाम के साथ ऋषिकेश पटेल, रजनीभाई पटेल और नंदाजी ठाकोर का नाम था, फिर नाम हटने के बाद भी यही उम्मीद थी कि हार्दिक पटेल (Hardik Patel) गुजरात गौरव यात्रा के मंच पर दिख सकते हैं, लेकिन ऐसा नहीं हुआ, बस इसी के बाद से सियासी गलियारों में चर्चा होने लगी कि भाजपा में भी हार्दिक का वही हाल है जो कांग्रेस में हुआ करता था.
हार्दिक पटेल के समर्थन को इस समय ये बात चुभ रही है कि पाटीदार आंदोलन के प्रमुख चेहरे रहे हार्दिक पटेल को भाजपा में तवज्जो क्यों नहीं दी जा रही है. क्या वे बीजेपी में पहले से सक्रिय पाटीदार नेताओं के साथ अच्छे संबंध नहीं रखते हैं, या फिर उसे पार्टी को कोई खतरा हैं, इसलिए पार्टी में उन्हें समुचित सम्मान नहीं मिल पा रहा है, फ़िलहाल ये प्रश्न अनुत्तरित हैं. हार्दिक पटेल ने कहा था वे काम करना चाहते हैं, कांग्रेस में काम नहीं करने दिया जा रहा है, यहाँ लोग उनके पैर खिंच रहे हैं इसलिए वो भाजपा में शामिल हो रहे हैं, अब भाजपा में भी उन्हें ख़ास तवज्जो नहीं दी जा रही है. अब जो भी हो प्रदेश में विधानसभा चुनाव अब सिर पर हैं, जिस तरह से गुजरात गौरव यात्रा से उनका नाम हटाया गया है उससे तो फिलहाल राजनीति गरमाई हुई है.
वहीं, अब इस संबंध में खबर आ रही है कि हार्दिक कानूनी तौर पर अभी मेहसाणा में प्रवेश नहीं कर सकते हैं. 2015 में हुई हिंसा के मामले में कोर्ट का फैसला अभी भी प्रभावी है, कांग्रेस हो या फिर भाजपा दोनों पार्टियों में रहने के दौरान हार्दिक मेहसाणा नहीं जा पाए थे, ऐसे में आज उनका नाम गौरव यात्रा से हटा दिया गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेहसाणा दौरे के समय भी वो वहां नहीं गए थे. सूची में उनका नाम रखा गया, लेकिन जैसे ही यह विषय संज्ञान में आया वैसे ही उनका नाम इस सूचि से हटा दिया गया.
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