Habeas Corpus In SC For Farooq Abdullah Search, Farooq Abdullah ko Dhundhne ke liye Supreme Court me Yachika: जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला को ढूंढने के लिए राज्यसभा सांसद वाइको ने सुप्रीम कोर्ट में हैबियस कोर्पस याचिका दर्ज की है. दरअसल कश्मीर से केंद्र सरकार द्वारा विशेष राज्य का दर्जा हटाने के बाद से फारुख अब्दुल्ला से संपर्क नहीं हो पाया है. इसी कारण वाइको ने उन्हें ढूंढने की मांग करते हुए याचिका दर्ज की है.
नई दिल्ली. जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला को खोजने के लिए सुप्रीम कोर्ट में हैबियस कोर्पस याचिका दर्ज की गई है. ये याचिका राज्यसभा सांसद वाइको ने दर्ज करवाई है. राज्यसभा सांसद वाइको ने सुप्रीम कोर्ट में हैबियस कोर्पस याचिका दाखिल की है. वाईको ने कहा कि चेन्नई में 15 सितंबर को डीएमके के संस्थापक अन्ना की 111 वर्षगांठ मनाई जा रही है, जिसको लेकर उन्होंने जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूख अब्दुल्ला को निमंत्रण दिया था. उन्होंने बताया कि फारुख अब्दुल्ला ने निमंत्रण के जवाब में कहा था कि वो समारोह में आएंगे. लेकिन अब उनसे संपर्क नही हो रहा है.
दरअसल केंद्र सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर से विषेष राज्य का दर्जा वापस लेने के बाद से फारुक अब्दुल्ला से संपर्क नहीं हो पा रहा है. दरअसल ये फैसला लेने से पहले केंद्र सरकार ने कश्मीर के लगभग सभी दिग्गज नेताओं को नजरबंद कर लिया था जो आम जनता पर प्रभाव डाल सकते हैं. इसी के बाद जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने जानकारी दी थी कि उन्हें भी नजरबंद किया गया है. हालांकि गृह मंत्री ने इसको खारिज करते हुए कहा था कि कई नेताओं को नजरबंद किया गया है जिनमें फारुक अब्दुल्ला शामिल नहीं हैं. वो अपनी मर्जी से घर में बंद हैं.
उन्हीं को खोजने के लिए वाइको ने सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया है. उन्होंने कहा, कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला का नहीं पता कि वो कहां है. कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला से संपर्क नहीं किया जा सका. बता दें कि हैबियस कोर्पस याचिका एक रिट है जिसके तहत गिरफ्तारी के लिए एक व्यक्ति को एक जज के सामने या अदालत में लाने की आवश्यकता होती है. विशेष रूप से उस व्यक्ति की रिहाई को सुरक्षित करने के लिए ये किया जाता है. ये तब ही मुमकिन है जब तक कि उनके हिरासत के लिए वैध आधार नहीं दिखाए जाते हैं. हैबियस कोर्पस या बंदी प्रत्यक्षीकरण के लिए आवेदन करने का कानूनी अधिकार होता है.