अमीरगढ़. गुजरात विधानसभा के चुनाव को लेकर वरिष्ठ नेता अपने अपने पक्ष को जिताने के लिए मतदारो को मना रहे हे। तो दूसरी ओर कॉग्रेस के बड़े नेता पार्टी छोड़कर भाजपा में आ रहे है। वही भाजपा के बड़े नेता दावेदारी न करने का मन कर बैठे है। ऐसी स्थिति में कांग्रेस का गढ़ माना जाने वाला दाता विधानसभा क्षेत्र की स्थिति क्या है, आइए इसके बार में आपको बताते हैं-
दाता 10 विधानसभा क्षेत्र कॉग्रेस का गढ़ माना जाता है। इस कारण से दो टर्म से कॉग्रेस विधायक विजय हो रहे है लेकिन इस बार कॉग्रेस के गढ़ में भाजपा के कार्यकरो की महेनत रंग लाने की संभावना अमीरगढ़ क्षेत्र के मतदाता व्यक्त कर रहे है। दाता 10 विधानसभा क्षेत्र में अमीरगढ़ व दाता दो तहसील का समावेश है। इस क्षेत्र में सब से ज्यादा आदिवासी समुदाय के मतदाता है। पूरा क्षेत्र पहाड़ियों से घिरा होने से यहां पक्की सड़कों का अभाव होने से लोगो को आज भी मिलो पैदल चलकर आनाजाना पड़ता है।
गुजरात विधानसभा की चुनाव की घोषणा होने से पहलेही कॉग्रेस के गढ़ पर कब्ज़ा जमाने की आशाय से भाजपा के कार्यकरो ने महेनत शरू कर दी थी।
दाता विधानसभा क्षेत्र आदिवासी क्षेत्र है। यहाँ सबसे ज्यादा पक्की सड़को की समस्या है होनी की बाते वोटर कर रहे है।
दाता विधानसभा क्षेत्र के अमीरगढ़ तहसील के मतदारो को कहना है कि हमे लोगो के बीच रहकर लोगो की समस्या को सुने व उसका निवारण लाए, ऐसे उम्मीदवार की ज़रूरत है न कि ऐसे उम्मदीवार की जो बस चुनाव के दौरान दिखे ओर चुनाव के बाद हमे ढूढना पड़े। दाता विधानसभा क्षेत्र के अमीरगढ़ विस्तार के मतदारो का कहना है कि दाता विधानसभा पर परिवर्तन के साथ ही ग्रामीणक्षेत्र में विकास आगे बढ़ेगा.
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