GST Council Extends Anti Profiteering Body: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई जीएसटी परिषद की 35वीं बैठक में कई अहम फैसले लिए गए हैं. जीएसटी परिषद की बैठक में एंटी प्रॉफिटियरिंग अथॉरिटी का कार्यकाल 2 साल के लिए बढ़ाने का फैसला किया गया है. जीएसटी कटौती का फायदा ग्राहकों को नहीं देने वाली कंपनियों पर एंटी प्रॉफिटियरिंग अथॉरिटी कार्रवाई करेगी. साथ ही जीएसटी परिषद की बैठक में देश के 26 राज्यों में जीएसटी अपीलीय ट्रिब्यूनल बनाने का फैसला किया गया है.
नई दिल्ली. GST Council Extends Anti Profiteering Body: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई वस्तु एंव सेवा कर परिषद(GST Council) की 35वीं बैठक में कई अहम फैसले लिए गए हैं. जीएसटी काउंसिल की इस बैठक में कर्नाटक, मिजोरम और तेलंगाना के मुख्यमंत्रियों को छोड़कर बाकी सभी राज्यों के सदस्य मौजूद थे. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जीएसटी परिषद की बैठक के बाद आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में मीटिंग में हुए महत्वपूर्ण फैसलों पर अपनी बात रखी.
प्रेस कॉन्फ्रेंस में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा बैठक काफी अच्छी रही. बैठक में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई और कई अहम फैसले लिए गए. हम जीएसटी के सभी सदस्यों के बीच विश्वास स्थापित करने में सफल रहे हैं. जीएसटी काउंसिल की तरफ से पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली के योगदान के लिए धन्यवाद प्रस्ताव भी पास किया गया है.
जीएसटी परिषद की बैठक में देश के 26 राज्यों में जीएसटी अपीलीय ट्रिब्यूनल की स्थापना को मंजूरी दी गई है. साथ ही बैठक में इलेक्ट्रानिक इनवायस सिस्टम और मल्टीप्लेक्स में ई टिकटिंग को अनिवार्य कर दिया गया है. इसके साथ ही परिषद ने इलेक्ट्रिक चार्जर पर जीएसटी की दर 18 प्रतिशत से घटाकर 12 प्रतिशत करने का भी प्रस्ताव दिया है. वहीं इलेक्ट्रिक वाहन पर जीएसटी की दर 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत करने का प्रस्ताव कमेटी को भेजा गया है.
राजस्व सचिव अजय भूषण पांडेय ने बताया कि एंटी प्रॉफिटियरिंग अथॉरिटी का कार्यकाल दो साल के लिए बढ़ा दिया गया है. साल 2017 में यह अथॉरिटी अस्तित्व में आई थी. जीएसटी कटौती का फायदा ग्राहकों को नहीं देने वाली कंपनियों पर एंटी प्रॉफिटियरिंग अथॉरिटी कार्रवाई करेगी. अगर संबंधित कंपनी ग्राहक से मुनाफे के तौर वसूली गई राशि को 30 दिन के भीतर नहीं लौटाती है तो उस पर 20 फीसदी जुर्माना भरना होगा.
इसके साथ ही जीएसटी परिषद की तरफ से आधार को जीएसटी रजिस्ट्रेसन करने के लिए वैध कर दिया गया है. अब जो लोग जीएसटी रजिस्ट्रेशन कराएंगे उन्हें कई दस्तावेजों की जगह सिर्फ आधार की डिटेल डालनी होगी. इसके बाद उनके रजिस्टर्ड नंबर पर ओटीपी आ जाएगा. इस ओटीपी नंबर के जरिए आप अपने बिजनेस को आसानी से जीएसटीएन पोर्टल पर रजिस्टर करा जीएसटीएन नंबर हासिल कर सकते हैं.
जीएसटी परिषद में एनुअल रिटर्न्स भरने की सीमा 2 महीने बढ़ाकर 30 अगस्त 2019 कर दी गई है. साथ ही जीएसटी रजिस्ट्रेशन की सीमा 20 लाख से बढ़ाकर 40 लाख कर दी गई है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की आगवाई में यह पहली जीएसटी परिषद की बैठक थी.